दो देशों की सीमाओं पर बना है ये होटल

लॉक्योर गांव में बने अरबेज नाम के इस होटल से फ्रांस और स्विस बॉर्डर बीचो बीच से गुजराता है। होटल के कुछ कमरों को भी फ्रांस और स्विटजरलैंड का बॉर्डर टच करता है। इतना ही नहीं बॉर्डर की लाइन कुछ कमरों के बेड से भी होकर गुजरती है। आप सोयें तो आप का सिर फ्रांस में हो और पैर स्विस बॉर्डर को क्रॉस कर रहे हों। इस होटल में एक हॉनीमून स्वीट भी है जिसका बेड दो देशों की सीमाओं के बीचो बीच पड़ा हुआ है। यहां हॉनीमून सेलीब्रेट करने वाले कपल दो देशों के बॉर्डर पर वाइन के साथ हॉनीमून सेलीब्रेट करते हैं।

अजीबोगरीब होटल! करवट बदलने के साथ देश भी बदल जाता है इस कमरे में

एक ही टेबल पर बैठ लीजिए दो देशों का मजा

लॉ क्योर गांव में बने इस होटल में आप को एक साथ दो देशों की सभ्यताओं को जानने और समझने का मौका मिलेगा। होटल के रेस्टोरेंट में आप को फ्रेंच और स्विस टच मिलेगा। रेस्टोरेंट में मिलने वाली डिश में भी आप को दोनों देशों के पकवान खाने को मिलेंगे। कुल मिला कर आप को एक मे दो का मजा आने वाला है। यहां दो देशों के बीच में टेबल पर बैठ कर लोग ब्रेकफास्ट से लेकर लंच और डिनर करते हैं। होटल की बेवसाइट पर भी इस बात का जिक्र है।

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1860 में तैयार किया गया था होटल का भवन

इस भवन को 1860 में तैयार किया गया था। इस भवन के बनने के कुछ ही सालों बाद फ्रांस और स्विटजरलैंड के बीच 1862 में एक समझौता हुआ। जिसके बाद यह होटल दोनों देशों की सीमाओं के बीच आ गया। नए समझौते के अनुसार ला क्योर गांव का कुछ हिस्सा स्विस सरकार के क्षेत्र में आता है और कुछ हिस्सा फ्रेंच सरकार की निगेबानी मे आता है। यह गांव डेप्स वैली के पास स्थित है। समझौता होने के पहले ही लॉ क्योर गांव के निवासी पोंथस ने एक भवन का निर्माण कराया। समझौते के बाद उस भवन के बीचो बीच से बॉर्डर की लाइन गुजरी। पोंथस ने क्रॉस बॉर्डर ट्रेड के जरिए व्यापर कर प्रॉफिट कमाने की सोची। जिसके बाद फ्रांस की ओर एक बार और स्विटजरलैंड की ओर ग्रॉसरी स्टोर बनाया गया।

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1921 में होटल में तब्दील हुई यह बिल्डिंग

1921 में इस बिल्डिंग को होटल में तब्दील कर दिया गया। होटल का नाम जूलेस जेन अरबेज रखा गया। द्वतीय विश्वयुद्ध के दौरान जब जमर्न फोर्स ने फ्रांस में कदम रखा पर स्वीटजरलैंड इससे आजाद रहा। होटल का सेकेंड फ्लोर स्विस बॉर्डर को क्रॉस करता है। जर्मन सैनिको को यहां घुसने की इजाजत नहीं थी। यहां के लोगों की माने तो उस समय होटल का सेकेंड फ्लोर किसी स्वर्ग से कम नहीं था। इस होटल के कमरे बहुत खास हैं। होटल के कमरों में दोनों देशों के राष्ट्रध्वज लगे हुए है।

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