सिर्फ 92.4 मिमी बारिश

मानसून पंडितों ने जून में बारिश की उम्मीद तो की थी, लेकिन इतनी कम होगी यह किसी ने सोचा नहीं था. महीने भर मानसून का इंतजार चलता रहा लेकिन सिर्फ 92.4 मिमी बारिश नसीब हुई, जो सामान्य से 43 फीसदी कम है. साल 1901 से अब तक सिर्फ तीन बार जून में इतनी कम बारिश हुई है. हालांकि मौसम विभाग ने जुलाई के पहले वीक में मानसून सक्रिय होने की उम्मीद जताई. मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार पिछले 100 सालों में इक्का-दुक्का मौकों पर ही जून में इतनी कम बारिश के बाद मानसून सामान्य रहा है.

कहीं सूखे के संकेत तो नहीं  

साल 2009 के बाद इस साल जून में सबसे कम बारिश हुई है. जून,2009 में 85.7 मिमी बारिश हुई थी और उस साल भयंकर सूखा पड़ा था. इससे पहले 1905 में भी 88.7 मिमी बारिश दर्ज की गई थी. इन दो मौकों के अलावा कभी जून में इतनी कम बारिश नहीं हुई है. मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, देश के 36 भौगोलिक इलाकों में 34 इलाके बारिश की किल्लत सक जूझ रहे हैं. देश्ा का अनाज भंडार भरने वाले उत्तर-पश्चिमी भारत में सामान्य से 55 फीसदी और मध्य भारत में सामान्य से 61 फीसदी कम बारिश हुई है.

गुजरात, महाराष्ट्र पर सबसे ज्यादा मार

सूखे की आशंका को नकार रहे मौसम विभाग और सरकार की नींद जून के कमजोर मानसून ने उड़ा दी है. गुजरात में सामान्य से 91 फीसदी और मराठवाडा में सामान्य से 79 फीसदी कम बारिश हुई है. यही हाल पश्चिमी यूपी और पंजाब का है. यहां सामान्य से 69 और 51 फीसदी कम बारिश रही. पिछले करीब 100 साल में ऐसा बहुत कम बार हुआ है कि बेहद कम बारिश के बाद हालात सामान्य हुए हैं. साल 1926 में जून में सामान्य से 48 फीसदी कम बारिश हुई थी, लेकिन अगस्त में सामान्य से 33 फीसदी ज्यादा बारिश ने सूखे का संकट टाल दिया. अबकी बार ऐसा होता है कि नहीं सभी उम्मीद लगाये बैठें हैं.

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