-नए साल में घर बैठे ही ऑनलाइन रजिस्ट्री के बाद कर सकेंगे ऑनलाइन पेमेंट

-आधार कार्ड के थ्रू पूरी हो जाएगी बाकी फॉर्मेल्टी

-करप्शन पर नकेल कसने के लिए प्रदेश सरकार ने बढ़ाया कदम

GORAKHPUR: घर बनाने का ख्वाब दिल में संजोए लोगों को जब इसकी रजिस्ट्री के लिए पसीने बहाने पड़ते हैं तो हाल बेहाल हो जाता है। कचहरी और रजिस्ट्री ऑफिस के चक्कर लगा-लगाकर उनकी हालत पस्त हो जाती है। मगर अब ऐसा नहीं होगा। प्रदेश सरकार नए साल में लोगों को डिजिटल तोहफा देने जा रही है। इसके तहत अब लोग घर बैठे न सिर्फ ऑनलाइन रजिस्ट्री करा सकेंगे, बल्कि उन्हें अब पेमेंट और सिग्नेचर के लिए भी रजिस्ट्री ऑफिस नहीं जाना पड़ेगा। सॉफ्टवेयर मेकिंग प्रॉसेस में है। नए साल में लोग सभी सुविधाओं का लाभ घर बैठे ही उठा सकेंगे।

डेढ़ माह का लगेगा वक्त

रजिस्ट्री के लिए लोगों को फैसिलिटी मिलती रहे और लोगों की मुश्किलें कम हों इसके लिए सरकार ने कदम बढ़ाया है। इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। अभी इसे कंप्लीट होने में करीब डेढ़ महीने का वक्त लगेगा। इसके बाद लोग घर बैठे अपने कंप्यूटर या मोबाइल से ही अपनी रजिस्ट्री करा सकेंगे। उन्हें न तो किसी के पास जाने की जरूरत पड़ेगी और न ही लंबी लाइन लगाने की। बस पल भर में वह रजिस्ट्रेशन के साथ ही पेमेंट भी कर सकेंगे।

करप्शन पर लगेगा ब्रेक

एआईजी स्टांप ने बताया कि प्रमुख सचिव ने नोटबंदी से पहले ही इस मामले में पहल कर दी थी। इससे करप्शन करने वालों पर सबसे ज्यादा वार होगा। अभी तक लोग रजिस्ट्री कराने के नाम पर एक मुश्त पैसा ले लेते हैं और अपनी सुविधानुसार इसे खर्च करते हैं। वहीं इसमें कुछ कमिशन भी बना लेते हैं। मगर ई-स्टांप और ई-पेमेंट की फैसिलिटी शुरू होने के बाद इन सभी चीजों पर लगाम लगेगी और लोगों को भी घर बैठे फैसिलिटी ि1मलने लगेगी।

बढ़ा ऑनलाइन रजिस्ट्री का आंकड़ा

स्टांप ड्यूटी ऑनलाइन हुए काफी वक्त हो चुका है। इसकी सेल के परसेंटेज की बात करें तो यह करीब 60-40 का है। बड़ी प्रॉपर्टीज की खरीद-फरोख्त में स्टाम्प ड्यूटी ऑनलाइन मोड में ही पे की जा रही है। सूबे में नेशनल लैंड रिकार्ड मॉडर्नाइजेशन प्रोग्राम के तहत ई-स्टांप प्रक्रिया को आरंभ किया गया है। एक ही पेज पर करोड़ों की प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त के स्टांप की वैल्यू एड की जा सकती है। ऑनलाइन रजिस्ट्री के बाद दस्तावेज का रिकार्ड भी ऑनलाइन मौजूद होगा।

अब तक ये है प्रोसेस

- रजिस्ट्री डिपार्टमेंट की वेबसाइट (आईजीआरएस) पर जाकर रजिस्ट्री के लिए दिए गए प्रोफार्मा को ऑनलाइन फिल करना है।

- जमीन या प्रॉपर्टी से संबंधित खाता, प्लॉट, क्षेत्रफल के साथ दूसरे ब्योरे दर्ज करने होंगे।

- सॉफ्टवेयर खुद कैलकुलेट कर बता देगा कि कितनी स्टांप फीस और रजिस्ट्रेशन फीस लगेगी।

- फीस ई-ग्राफ या ई-स्टांपिंग के जरिए ऑफलाइन भी चुकाई जा सकती है।

- हर अप्लीकेशन के लिए एक यूनिक नंबर मिल रहा है। साथ ही रजिस्ट्री की डेट भी मिल रही है।

- तय डेट पर रजिस्ट्री ऑफिस जाकर उंगली के निशान और फोटो आदि की औपचारिकताओं के साथ रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा किया जा रहा है।

आधार लिंक करने की भी तैयारी

अभी तक जो प्रॉसेस है, उसके घर बैठे रजिस्ट्री तो करा ली जा रही है, लेकिन इसका पेमेंट और बाकी प्रॉसेस पूरा करने के लिए लोगों को रजिस्ट्री ऑफिस जाना पड़ता है। मगर नया सॉफ्टवेयर बनने के बाद लोगों को बस अपने आधार कार्ड का नंबर फिल करना होगा। इसके बाद सारी डीटेल ऑटोमेटिक अपडेट हो जाएगी और रजिस्ट्री की प्रॉसेस के लिए उसे रजिस्ट्री ऑफिस जाना ही नहीं पड़ेगा।

वर्जन

ऑनलाइन रजिस्ट्री के बाद अब रजिस्ट्रेशन फीस को ई-पेमेंट के थ्रू लेने की दिशा में प्रयास चल रहा है। इसके लिए सॉफ्टवेयर बनाया जा रहा है, जो करीब डेढ़ मंथ के बाद वर्किंग में आ जाएगा। इससे करप्शन पर काफी हद तक लगाम लग सकेगी।

- रमाशंकर सिंह, एआईजी स्टैंप