नहीं कम होगा गंगा का लेवल, शहर को भरपूर मिलेगी सप्लाई
-केंद्र सरकार ने गर्मियों में गंगा में अविरल प्रवाह की बनाई योजना, कानपुर स्थित गंगा बैराज में स्टोर होगा अतिरिक्त पानी
-गर्मी के 4 महीनों में भी नहीं कम होगा जलस्तर, मार्च में भी बैराज से छोड़ा जा रहा है 6,000 क्यूसेक पानी
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KANPUR : गर्मी की शुरुआत हो चुकी है. पारा भी तेजी से ऊपर जा रहा है. इसी के साथ शहर में पानी की डिमांड भी बढ़ती जा रही है. लेकिन इस बार कानपुराइट्स को जल संकट से नहीं जूझना पड़ेगा. केंद्र सरकार की योजना के मुताबिक भीषण गर्मी के 4 महीनों अप्रैल, मई, जून और जुलाई में गंगा में वॉटर लेवल की कमी नहीं होगी. योजना के मुताबिक भीषण गर्मी में भी 4 से 6,000 क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड गंगा बैराज से छोड़ा जाएगा. गंगा बैराज, एक्सईएन जेपी सिंह के मुताबिक इस योजना पर काम किया जा रहा है. लेकिन अभी इस पर फैसला नहीं हुआ है कि गंगा में वॉटर लेवल की कमी को पूरा करने के लिए कितना पानी उत्तराखंड से कितना लिया जाएगा. वहीं मार्च में पिछले सालों के जलस्तर के मुकाबले 4 फीट जलस्तर ज्यादा है.
गर्मियों में होता है बड़ा जलसंकट
कानपुर को लगभग 60 परसेंट पानी की सप्लाई गंगा से की जाती है. भैरवघाट पंपिंग स्टेशन के जरिए गंगा से रॉ वॉटर लिया जाता है, जिसे ट्रीट करने के बाद शहर में सप्लाई किया जाता है. भैरवघाट पंपिंग स्टेशन से गर्मियों में 200 एमएलडी पानी की सप्लाई गंगा से होती है. गंगा में जलस्तर का होना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि कि कानपुर के ग्राउंड वाटर में सालाना 45 सेमी. की गिरावट दर्ज की जा रही है. इसकी वजह से सबमर्सिबल, हैंडपंप और पंपिंग स्टेशन खराब होते जा रहे हैं.
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1.5 किमी. तक पाइप लाइन
भैरवघाट पंपिंग स्टेशन से होने वाली वॉटर सप्लाई में गंगा का जलस्तर बाधा नहीं बनेगा. जलकल की ओर से गंगा बैराज के पास अब सीधे पाइप लाइन डाली जा रही है. इस योजना में 10.29 करोड़ रुपए खर्च होंगे. इस योजना के मुताबिक 1800 एमएम की पाइप गंगा बैराज के वाटर स्टोर वाले एरिया में डाली जाएगी. वहां गर्मियों में भी पानी की पर्याप्त उपलब्धता होती है. गंगा बैराज से भैरव घाट पंपिंग स्टेशन तक करीब 1.5 किलोमीटर दूरी तक पाइप लाइन डाली जाएगी. इसे सीधे पंपिंग स्टेशन से जोड़ दिया जाएगा. इसके बाद ड्रेजर और बंधा बनाने आदि की जरूरत नहीं पड़ेगी.
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शहर में वॉटर सप्लाई
भैरवघाट पंपिंग स्टेशन- 200 एमएलडी
पुराना बैराज-60 एमएलडी
लोअर गंगा कैनाल-50 एमएलडी
ओल्ड गुजैनी वॉटर वर्क्स-12.5 एमएलडी
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सप्लाई के लिए नए बने
गंगा बैराज वाटर वर्क्स- 200 एमएलडी
न्यू गुजैनी वाटर वर्क्स- 28.5 एमएलडी
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पानी सप्लाई के सोर्सेज
1. गंगा नदी
2. अंडरग्राउंड वाटर
3. लोअर गंगा कैनाल
4. दादानगर नहर
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शहर में पानी की सप्लाई की स्थिति
शहर की कुल आबादी---- 45,24,324 (2011 जनगणना के मुताबिक)
ट्यूबवेल की संख्या--- 50
जोनल पंपिंग स्टेशन की संख्या-- 38
हैंडपंप की संख्या---11,889
खराब हैंडपंप की संख्या---3810
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पानी के रिसोर्स और जरूरत
-45 सेमी. के औसत से हर साल गिर रहा वाटर लेवल
-डि्रंकिंग वॉटर की जरूरत--570 एमएलडी
-मौजूदा समय में उपलब्ध पानी---420 एमएलडी
-दक्षिण क्षेत्र में पानी की डिमांड--160 एमएलडी
-सप्लाई हो रहा पानी---85 एमएलडी
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गंगा में मिनिमम जलस्तर को मेंटेन करने के लिए केंद्र सरकार की योजना पर काम किया जा रहा है. गंगा में पिछले साल मार्च के मुकाबले पानी की उपलब्धता ज्यादा है. गर्मियों में भी रोजाना 4,000 क्यूसेक पानी प्रति सेकेंड छोड़ा जा सकता है.
-जेपी सिंह, एक्सईएन, सिंचाई विभाग.