जेलचुंगी की रामलीला का है अपना विशिष्ट स्थान
स्थानीय कलाकारों को दिया जाता है हर बार मौका
रावण के पुतले की मूवेबल गर्दन और आंखें आकर्षण का खास केंद्र
Meerut । शहर में जगह-जगह रामलीला का आयोजन किया जाता है, लेकिन जेलचुंगी रामलीला की बात ही अलग है। जेलचुंगी रामलीला की शुरुआत 1960 में स्थानीय लोगों के प्रयास से शुरू हुई थी। यहां लगातार 14 दिन तक चलने वाली रामलीला विशेष आकर्षण का केंद्र रहती है।
रामलीला में मुख्य कलाकार
जेलचुंगी पर 58 साल से लगातार हो रही रामलीला के मंच पर स्थानीय कलाकार आकर्षण का केंद्र होते हैं। स्थानीय लोग ही रामलीला में हर बार राम, सीता, लक्ष्मण और बजरंगबली समेत अन्य अहम किरदार निभाते नजर आते हैं। इस साल 6 अक्टूबर से शिव बारात के साथ रामलीला का शुभारंभ किया जाएगा।
55 फीट का पुतला
यहां हर साल रावण के पुतले को बढ़ाया जाता है। इस साल जेलचुंगी रामलीला कमेटी द्वारा अपनी रामलीला को अलग और आकर्षक बनाने के लिए के लिए रावण के पुतले को 55 फीट का बनाया जाएगा। पुतले को दहन करेगे। साथ ही रावण की गर्दन और आंख मूवमेंट भी करेंगी।
हमारी सीमित और स्थानीय लोगों के सहयोग से ही रामलीला का मंचन किया जाता है। आसपास के गांव से भी ढेर सारे लोग रामलीला देखने यहां आते हैं।
विजय सिंह लोधी, संरक्षक
जेलचुंगी रामलीला में हर साल लोगों को कुछ ना कुछ नया दिखाने का प्रयास किया जाता है। इस बार रावण के पुतले की मूवेबल गर्दन और आंखें आकर्षण का खास केंद्र रहेंगी।
वरुण गोयल, संयोजक