- दो दिन चली ड्राइव में 70 फीसदी पानी के सैंपल फेल

- हॉस्पिटल्स में बढ़ रहे वाटर बार्न डिजीजेज के पेशेंट

<- दो दिन चली ड्राइव में 70 फीसदी पानी के सैंपल फेल

- हॉस्पिटल्स में बढ़ रहे वाटर बार्न डिजीजेज के पेशेंट

ALLAHABAD: allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD: बाजारू चीजें ही नहीं, नलों में आने वाला पानी भी लोगों को बीमार कर रहा है। इसके चलते हॉस्पिटल्स में वाटर बार्न डिजीजेज के मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इसकी तस्दीक कर रही है हेल्थ डिपार्टमेंट की रिपोर्ट, जिसमें दो दिन चली ड्राइव में 70 फीसदी पानी के सैंपल फेल पाए गए हैं। इसको लेकर खुद डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स सरप्राइज्ड हैं और उन्होंने सावधानी बरते जाने के लिए डीएम, कमिश्नर सहित जल संस्थान को भी लेटर लिख दिया है।

संभलकर पीजिए पानी

टंकियों से होकर नलों में आने वाला पानी कितना सेफ है, यह बताने की जरूरत नहीं है। पाइप लाइन लीकेज और प्रॉपर क्लोरीनेशन नहीं होने से यह पानी आपको खतरनाक बीमारियां सौगात में दे सकता है। हेल्थ डिपार्टमेंट की ओर से नौ और दस जून को शहर के अलग-अलग इलाकों में पानी की जांच की गई। इस दौरान कुल ब्ख् सैंपल लिए गए, जिसमें से ख्9 फेल हो गए। इनमें से क्फ् पहले दिन और क्9 सैंपल दूसरे दिन निगेटिव आए। इतना ही नहीं, दोनों दिन अलग-अलग इलाकों में आठ डोजर बंद पाए गए। ये डोजर पानी में क्लोरीन मिलाने का काम करते हैं और इनके बंद होने से पानी में इंफेक्शन के चांसेज बढ़ जाते हैं।

इन इलाकों के सैंपल हुए फेल

स्वराज नगर, ऋषिकुल स्कूल शिवकुटी, गोविंदपुर, सलोरी की शुक्ला मार्केट, चांदपुर सलोरी, सदियाबाद, बड़ा बघाड़ा छावनी परिषद, ओम गायत्री नगर, सुतरखाना, ईश्वरशरण आश्रम, कीडगंज, सरस्वती घाट, मलाकराज, बहराना, दालमंडी, बेली गांव।

फ्भ् में से ख्भ् मरीज डायरिया के

पारा लगातार ब्भ् डिग्री के आसपास घूम रहा है, ऐसे में वाटर बार्न डिजीजेज के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इनमें डायरिया, पीलिया और टाइफाइड के मरीज भारी संख्या में हॉस्पिटल्स में एडमिट हो रहे हैं। मंगलवार को कॉल्विन हॉस्पिटल में कुल फ्भ् मरीज एडमिट हुए, जिनमें से ख्भ् डायरिया के थे। इसको देखते हुए हॉस्पिटल प्रशासन ने डायरिया वार्ड में छह कूलर लगवाए हैं और एक छह बेड का हीट स्ट्रोक का वार्ड बनाकर उसमें एसी का इंतजाम कराया है। वहीं क्99 बेड वाले बेली हॉस्पिटल के क्70 बेड भरे हुए हैं। हॉस्पिटल की ओपीडी में तीन हजार के आसपास पहुंच रही है।

फिक्सिंग बंद हुई तो बदल गए रिजल्ट

गर्मी के सीजन में पानी की जांच को लेकर कमिश्नर सख्त हुए तो हेल्थ डिपार्टमेंट ने जल संस्थान को लेटर लिखकर रैंडम चेकिंग किए जाने की बात कही। वरना अप्रैल-मई के महीने में जल संस्थान द्वारा बनाए गए शेड्यूल के हिसाब से टेस्टिंग होती थी, जिससे हकीकत सामने नहीं आ पाती थी। जल संस्थान उन्हीं इलाकों में ड्राइव चलाता था जहां वाटर सप्लाई के बेहतर इंतजाम हैं। यही रीजन था कि अप्रैल में कुल ख्ब्म् सैंपल लिए गए, जिसमें से फ्फ् ही फेल पाए गए। फिलहाल हेल्थ डिपार्टमेंट के चेकिंग ऑफिसर्स शहर के किसी भी इलाके में जाकर रैंडम पानी की जांच करते हैं और इसकी जानकारी ऑन द स्पॉट जल संस्थान को देते हैं।

दोनों टाइम कराया जाए क्लोरीनेशन

भीषण गर्मी और उमस में इंफेक्शन फैलने से रोकने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट ने जल संस्थान को लेटर लिखकर वाटर सप्लाई की सुबह-शाम क्लोरीनेशन कराए जाने की मांग की है। दो दिनों में ख्9 सैंपल फेल होने के बाद ऑफिसर्स के कान खड़े हो गए हैं और इसकी सूचना उन्होंने डीएम और कमिश्नर को भी दे दी है। ऑफिसर्स का कहना है कि गर्मी को देखते हुए पानी की रैंडम चेकिंग लगातार जारी रहेगी। लोगों को क्लोरीन युक्त पानी उबालकर पीने की नसीहत दी जा रही है।

फैक्ट फाइल

दो दिनों में कुल लिए गए सैंपल- ब्ख्

फेल पाए गए- ख्9

क्या होता है ओटी टेस्ट- पानी में क्लोरीन की मौजूदगी का पता लगाने के लिए ओटी टेस्ट किया जाता है

वाटर बार्न डिजीजेज- पॉल्यूटेड वाटर लेने से फैलने वाली बीमारियों को वाटर बांड डिजीज कहते हैं

-हमारे यहां डायरिया वार्ड मरीजों से फुल हो चुका है। लोगों को संभलकर पानी पीना होगा। इस मौसम में वाटर बार्न डिजीजेज के फैलने का खतरा बढ़ जाता है। पीलिया, डायरिया और टाइफाइड पॉल्यूटेड वाटर से फैलता हैं।

डॉ। एआर सिंह, एसआईसी, कॉल्विन हॉस्पिटल

-भीषण गर्मी में बासी भोजन और पॉल्यूटेड वाटर से बचना होगा। लोगों को पानी को पीने से पहले उबालकर यूज में लाना चाहिए। क्लोरीन की गोली पानी में मिलाकर पीने से इंफेक्शन के चांसेज खत्म हो जाते हैं।

डॉ। सुरेश द्विवेदी, सीएमएस, बेली हॉस्पिटल

-फिलहाल शहर में पानी की रैंडम जांच की जा रही है। शिकायत मिलने पर हमारी टीम उस इलाके में जाकर ओटी टेस्ट कर रही है। पिछले दो दिनों में काफी सैंपल फेल पाए गए। मौसम को देखते हुए हमने जल संस्थान को लेटर लिखकर सुबह-शाम क्लोरिनेशन करने की मांग की है, जिससे खतरनाक बीमारियों के फैलने से रोका जा सके।

डॉ। पदमाकर सिंह, सीएमओ, हेल्थ डिपार्टमेंट