बेटे ने शव लेने से इंकार किया
खबरों के मुताबिक तेलंगाना में रहने वाले कीर्ति श्रीनिवास यहीं के एक सहृदय ओल्ड एज होम में रहते थे। इस ओल्ड एज होम को मोहम्मद महबूब अली और उनकी पत्नी याकूब बाई चलाती हैं। इस ओल्ड एज होम में तकरीबन 70 से ज्यादा लोग रहते हैं। इन्हीं में से एक श्रीनिवास भी थे। श्रीनिवास को उनके बेटे शरत ने घर से निकाल दिया था क्योंकि उसके ईसाई धर्म अपना लिया था। तब श्रीनिवास को 'सहृदय' में सहारा मिला। हालांकि यहां भी वह ज्यादा दिन नहीं रह सके, इस महीने की पांच तारीख को वह चल बसे। याकूब बाई ने उनके बेटे को फोन करके श्रीनिवास की मौत की सूचना दी लेकिन बेटे ने उनके शव को ले जाने से मना कर दिया।

जब मुस्‍लिम महिला ने किया अंतिम संस्‍कार
महिला ने खुद लिया यह फैसला
श्रीनिवास के शव ले जाने से इंकार के बाद याकूब बाई ने खुद ही उनके अंतिम संस्कार का फैसला लिया। याकूब बाई का कहना है कि, 'हमारा एक ही धर्म है और वो हैं लोगों की सेवा करना। ऐसे में श्रीनिवास का अंतिम संस्कार करने में उन्हें कोई समस्या नहीं है।' रिपोर्ट की मानें तो याकूब बाई ने पूरे रीति-रिवाज से श्रीनिवास को अंतिम विदाई दी। हालांकि उनके पति मोहम्मद महबूब ने इस काम में उनका पूरा साथ दिया।

Weird News inextlive from Odd News Desk

 

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