थर्सडे को घिरे रहे बादल

आसमान में छाए बादलों से थर्सडे को बरेलियंस को गर्मी से थोड़ी निजात मिली। वेदर एक्सपर्ट के मुताबिक लो प्रेशर एरियाज बनने के बाद थर्सडे को आसमान बादलों से घिरा रहा। इससे दोपहर बाद टेंप्रेचर में भी दो डिग्री सेंटीग्रेड की गिरावट दर्ज की गई। बरेलियंस को यह राहत अभी दो दिन और भी मिलने की उम्मीद है। फ्राइडे को बारिश होने की संभावना है।

मई में नहीं हुई बारिश

मई से ही बारिश का इंतजार कर रहे बरेलियंस को जून में भी इसके लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। सामान्यत: बीस जून तक बरेली में मानसून की बारिश शुरू हो जाती है, पर इस बार यह 25 जून के बाद से शुरू होगी। वेदर एक्सपर्ट के अनुसार 20 जून से पहले होने वाली बारिश प्री मानसून बारिश है जो मई से ही शुरू हो जाती है। वर्षों बाद इस साल मई में बारिश निल रही और जून में भी जो प्री मानसून बारिश शुरू हुई है वह भी काफी कम है। प्री मानसून बारिश में हुए इस फेरबदल से तमाम मुसीबतें भी आ रही हैं।

राहत देगा प्री मानसून

मई में होने वाली प्री मानसून बारिश अब शुरू हो चुकी है लेकिन यह यह बूंदा-बांदी के रूप में हो रही है। ट्यूजडे रात हुई हल्की बारिश से रात में लोगों को गर्मी से थोड़ी राहत जरूर मिली लेकिन अगले दिन फिर वहीं तेज गर्मी। वेदर एक्सपर्ट की माने तो जून में एक्टिव होने वाला मानसून सामान्य रहेगा। संभावना है कि मानसून में पिछले साल के मुकाबले तकरीबन 150 मिमी तक कम बारिश होगी। वहीं जुलाई और अगस्त में झमाझम बारिश होने के आसार बन रहे हैं।

 

बढ़ सकती है महंगाई

मानसून के लेट होने से सबसे ज्यादा बाजार पर फर्क पडऩे के आसार है। महंगाई पहले से ही लोगों की कमर तोड़े पड़ी है। फिलहाल न के बराबर बारिश होने से किसानों को खेतों में खड़ी दलहन और सब्जी की फसलों की सिंचाई का इंतजाम करना पड़ रहा है। इसके लिए इंजन की मदद ली जा रही है। इसमें काफी ज्यादा खर्च हो रहा है। ऐसे में लागत बढऩे से दालों और सब्जियों के दाम बढऩे के पूरे-पूरे आसार बन रहे हैं।

इस वर्ष मई में प्री मानसून बारिश न होने से गर्मी तो बढ़ी ही है, साथ में फसलों की सिंचाई में भी समस्या हो रही है। इससे महंगाई बढऩे की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। मानसून पांच दिन देरी से आने के संकेत हैं। यह 25 जून के बाद ही बरेली पहुंचेगा।

-डॉ। एचएस कुशवाहा, मौसम वैज्ञानिक, पंतनगर विश्वविद्यालय