- एलबीएस प्रकरण में विशेष जांच दल जुटा सबूतों की जांच पड़ताल में

- रूबी की चार दिन की रिमांड के दौरान एसआईटी ने जुटाए थे कई साक्ष्य

DEHRADUN : मसूरी स्थित एलबीएस प्रकरण में रिमांड अवधि के दौरान रूबी चौधरी के साथ जुटाए गए सबूतों की विशेष जांच दल ने गहन जांच पड़ताल शुरू कर दी है, जिसमें फॉरेंसिक एक्सपर्ट की भी मदद ली जा रही है। माना जा रहा है कि पुलिस एलबीएस प्रशासन पर हाथ डालने से पूर्व सबूतों को पक्का करने के लिए यह काम कर रही है।

सबूतों की होगी फॉरेंसिक जांच

दरअसल, रूबी चौधरी को विशेष जांच दल ने मंगलवार को चार दिन की रिमांड पर लिया था। रिमांड अवधि के दौरान पुलिस ने फर्जीवाड़े से संबंधित कई सबूत रूबी की निशानदेही पर मेरठ, नैनीताल व मसूरी से जुटाएं। शुक्रवार को रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद देर शाम रूबी को फिर से जेल भेज दिया गया। अब विशेष जांच दल द्वारा जुटाए गए सबूतों की गहन जांच पड़ताल जुट गया है, जिसमें फॉरेंसिक एक्सपर्ट की भी मदद ली जा रही है।

मजबूत करना चाहती है पुलिस

एलबीएस में हुए इस फर्जीवाड़े के लिए रूबी जैन पूर्व में ही अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन को जिम्मेदार ठहरा चुकी है। अब सबूत भी उन्हीं की तरफ फर्जीवाड़ा किए जाने के इशारा कर रहे हैं, लेकिन पुलिस कुछ भी एक्शन लेने से पूर्व सबूतों को और पुख्ता कर लेना चाहती है। इस कारण अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन सीनियर आईएएस हैं और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी देश का प्रतिष्ठित संस्थान हैं।

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ये हैं सबूत::::

सबूत 0क्: रूबी की किताबें:: चौधरी के पास ख्0 से अधिक एलबीएस लाइब्रेरी की बुक्स मिली हैं, जबकि यह किताबें प्रशिक्षु आईएएस को दी जाती है। तय नियमों के अनुसार प्रत्येक प्रशिक्षु को लाइब्रेरी के मेंबर बनने के बाद एक कार्ड दिया जाता है। जिसे स्वैप करने के बाद ही लाइब्रेरी से किताबें इशू की जाती हैं। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर रूबी के पास यह किताबें कैसे पहुंची, सूत्रों की मानें तो रूबी को सभी किताबें डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन ने के कहने पर दी गई हैं।

सबूत दो:- फेसबुक एकाउंट:- एलबीएस प्रशासन ने दावा किया है कि क्7 दिसंबर से रूबी अकादमी में फर्जी तरीके से रह रही है, जबकि रूबी चौधरी ने क्ख्-क्फ् दिसंबर को राष्ट्रपति के साथ एलबीएस में प्रशिक्षु आईएएस के साथ उन्हीं की ड्रेस में फोटो खिंचवाई है, जिसके बाद एलबीएस ही सवालों के घेरे में आ गया है। माना जा रहा है कि फर्जीवाड़े के तार राष्ट्रपति दौरे से बाहर करने के लिए यह दावा किया गया है।

सबूत तीन:- फन सर्विलांस:- विशेष जांच दल इस केस में हर पहलू से जांच पड़ताल कर रहा है, जिसके लिए रूबी के अलावा केस से जुड़े अन्य लोगों की कॉल डिटेल खंगाली गई है। सूत्रों की मानें तो इसमें पुलिस को कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं, जो फर्जीवाड़े के लिए एलबीएस प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर रहा है। फिलहाल इस मुद्दे पर पुलिस चुप्पी साधे हुए है।

सबूत चार:- सुरक्षा गाडर् के बयान:- फर्जीवाड़े में विशेष जांच दल सुरक्षा गार्ड देव सिंह से पूछताछ कर चुकी है। रूबी देव सिंह के कमरे पर ही रुकी थी। सूत्रों की मानें तो देव सिंह यह साफ कर चुका है कि डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन के कहने पर ही उसने रूबी को अपने कमरे में रुकने दिया था। जिसके लिए उन्होंने एक लिखित नोट भी पुलिस को दिया है।

सबूत पांच:- रूबी का फर्जी आईकार्ड:- रूबी जिस आईकार्ड के दम पर अकादमी में आती जाती थी उस वह एसडीएम का था। अभी तक की जांच में यह बात साफ नहीं हो पाई है कि रूबी द्वारा यह कार्ड कहां बनवाया गया, हालांकि रूबी बयान में यह बता चुकी है कि यह कार्ड उसे अकादमी के डिप्टी डायरेक्टर ने ही मुहैया कवाया है।

सबूत छह:: अन्य दस्तावेज:- जांच के दौरान मेरठ, नैनीताल व मसूरी से एसआईटी ने कुछ अन्य दस्तावेज भी कब्जे में लिए हैं। जिनका गहन परीक्षण किया जा रहा है। फर्जीवाड़े के इस केस को खोलने में ये दस्तावेज किस तरह मददगार होंगे इसकी फिलहाल यह अभी तक साफ नहीं है।

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कोर्ट में दाखिल होगी जमानत याचिका

एलबीएस प्रकरण में रूबी को गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन डिप्टी डायरेक्टर सौरभ जैन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जबकि रूबी पूछताछ के दौरान यह ही फर्जीवाड़े के लिए डिप्टी डायरेक्टर को जिम्मेदार ठहरा चुकी है। ऐसे में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। रूबी के परिजन भी पुलिस पर सवाल उठाते हुए दबाव में काम करने का आरोप लगा चुकी है, फिलहाल रूबी जेल में है। उसके वकील राजीव रतूड़ी ने बताया कि सोवार को रूबी की जमानत याचिका कोर्ट में दाखिल की जाएगी।

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