जीएसटी से बाहर वालों को भी भरना होगा रिटर्न, 20 लाख से कम टर्नओवर वाले व्यापारी परेशान

वैट से जीएसटी में माइग्रेशन के बाद बाहर निकलने का नहीं दिख रहा रास्ता, पोर्टल पर फार्म नहीं

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: इसे सिस्टम का फाल्ट कहें या जबरदस्ती। जीएसटी लागू होने के बाद जिन व्यापारियों का एनुअल टर्न ओवर 20 लाख रुपये से कम है, उन्हें भी जीएसटी में शामिल होना पड़ेगा। वैट से जीएसटी में माइग्रेशन के बाद बाहर निकलने से पहले जीएसटी रिटर्न भरना होगा। बिजनेस का असेसमेंट कराना पड़ेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि सेंट्रल गवर्नमेंट ने जीएसटी से बाहर आने वाला फार्म 16 अभी तक साइट पर अपलोड नहीं किया है।

20 लाख वालों को मिली थी राहत

जीएसटी लागू करने का सबसे ज्यादा विरोध छोटे व्यापारियों ने ही किया था। बाद में सरकार ने 20 लाख रुपये तक का बिजनेस करने वाले व्यापारियों को जीएसटी से बाहर करने का आदेश दिया था। जीएसटी से पहले वैट में छूट की सीमा केवल पांच लाख रुपये थी। गवर्नमेंट ने इस निर्णय के साथ शर्त रखी कि जितने भी व्यापारी वैट में रजिस्टर्ड हैं, सभी का जीएसटी में माइग्रेशन अनिवार्य है। माइग्रेशन के बाद जीएसटी के अनुसार बिजनेस करना है या नहीं, ये व्यापारियों की इच्छा पर निर्भर होगा। जीएसटी लागू होने के 30 दिन के अंदर व्यापारी जीएसटी से बाहर हो सकेंगे। इसके लिए उन्हें फार्म 16 भरना होगा। जीएसटी लागू हुए 45 दिन बीतने के बाद भी फार्म 16 अपलोड नहीं किया गया है।

गवर्नमेंट व्यापारियों को धोखा दे रही है। पहले जबरदस्ती जीएसटी में माइग्रेट कराया और अब बाहर होने का रास्ता नहीं दे रही। ऐसे में जीएसटी से बाहर होने वाले व्यापारियों को भी इसमें शामिल होते हुए रिटर्न भरना और असेसमेंट कराना अनिवार्य हो जाएगा।

संतोष पनामा

व्यापारी नेता

व्यापारी और जनता पूरी तरह से सरकार के साथ है। लेकिन लोगों के हित का भी सरकार को ध्यान रखना चाहिए। जब तैयारी नहीं थी तो जीएसटी लागू क्यों किया गया। अब किया है तो व्यवस्था पटरी पर लाना भी सरकार का काम है।

लल्लू लाल

सीमेंट व्यापारी

वैट में फर्म का रजिस्ट्रेशन करा रखा था। अधिकारियों के दबाव में जीएसटी में माइगे्रशन कराया। अब जीएसटी से बाहर आने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। अधिकारी केवल आज-कल करके टरका रहे हैं।

अजय कुमार

हार्डवेयर व्यापारी

शहर में ऐसे करीब पांच हजार से अधिक व्यापारी हैं, जो वैट में रजिस्टर्ड थे, लेकिन जीएसटी के दायरे में नहीं आ रहे हैं। क्योंकि उनका बिजनेस 20 लाख एनुअल टर्न ओवर से कम है। ऐसे व्यापारी अब जीएसटी से बाहर आने के लिए परेशान हैं।

श्याम जी अग्रवाल

व्यापारी नेता

ये बात सही है कि 20 लाख से कम एनुअल टर्न ओवर वाले व्यापारियों को जीएसटी में शामिल होना अनिवार्य नहीं है। इसके लिए सरकार ने वैट से जीएसटी में माइग्रेट हुए व्यापारियों को 30 दिन का समय दिया था। लेकिन अभी तक फार्म 16 साइट पर नहीं आया है। इसे लेकर कोई आदेश या सूचना भी नहीं जारी की गई है। अब जीएसटी में डेढ़ महीने से अधिक का समय बीतने के बाद व्यापारियों को रिटर्न भरना पड़ सकता है।

विवेक सिंह

डिप्टी कमिश्नर, कॉमर्शियल टैक्स