आई एक्सक्लूसिव

-जेएनएनयूआरएम योजना के तहत डाली गई वाटर लाइन में 50 से ज्यादा जगहों पर लगाए गए हैं वाटर वॉल्व

-इन वाटर वॉल्व से रोजाना हजारों लीटर पानी बह रहा, ज्यादातर वाटर वॉल्व में है लीकेज

-महीनों से बह रहा है पानी, इन लीकेज को बंद करने के लिए जल निगम नहीं दे रहा है कोई ध्यान

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KANPUR: शहर में जगह-जगह पानी की निर्बाध सप्लाई के लिए वाटर लाइन में लगाए गए वॉल्व ही पानी की बर्बादी का सबसे बड़ा कारण बन रहे हैं। इन वॉल्व से रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद हो रहा है। लेकिन जल निगम के हुक्मरान इन वॉल्व को बंद करने के लिए कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। जेएनएनयूआरएम योजना के तहत शहर में बिछाई गई वाटर लाइन में पानी के ब्लॉकेज को रोकने के लिए इन वॉल्व को लगाया गया था। शहर में वाटर लाइन के ऊपर 50 से ज्यादा जगहों पर इनको लगाया गया था।

इसलिए लगाए जाते हैं वॉल्व

शहर में पानी की सप्लाई को दुरुस्त करने के लिए इन वाटर लाइन को बिछाया गया है। ईयर 2008 में इन लाइनों को बिछाने का कार्य शुरू किया गया था। अब यह कार्य समाप्ति की ओर है। यह वॉल्व इसलिए लगाए जाते हैं कि वाटर लाइन में वैक्यूम बनने से पानी की सप्लाई रुक जाती है। यह वॉल्व उन स्थानों पर लगाए जाते हैं, जहां पाइप लाइन ऊपर या नीचे हो और वहां पर ज्वॉइंट लगाया गया हो। शहर में 50 से ज्यादा जगहों पर ऐसे वॉल्व लगाए गए हैं, जो पाइप लाइन में एयर बनने की समस्या को दूर करते हैं।

अधिकतर वॉल्व में लीकेज

शहर में लगे इन वॉल्व में ज्यादातर में लीकेज है, वाटर लाइन से रोजाना हजारों लीटर पानी इन वॉल्व से दिन रात बह रहा है। बड़ा चौराहा, पांडव नगर, नवीन मार्केट सहित शहर में 12 अन्य स्थानों पर इन वॉल्व में से पानी बह रहा है। इससे अब तक अरबों लीटर पानी बर्बाद हो चुका होगा। जल निगम के इंजीनियर ने बताया कि यह समस्या पिछले काफी समय से है, जिला प्रशासन से भी इसकी शिकायत की गई है। लोगों ने इन वॉल्व को तोड़कर पानी ले रहे है, जिससे यह समस्या बनी हुई है।

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पानी की सप्लाई पर नजर

- 550 एमएलडी की जरूरत शहर को है।

- 420 एमएलडी पानी की सप्लाई हो रही है।

- 150 एमएलडी पानी की डिमांड साउथ सिटी में।

- 65 एमएलडी पानी की हो रही है सप्लाई।

- 50 ट्यबवेल पानी की सप्लाई के लिए लगे हैं।

- 38 जोनल पंपिंग स्टेशन शहर में लगे हैं।

- 1189 हैंडपंप लगे हैं, जिनमें ज्यादातर खराब हैं।

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प्रोजेक्ट पर एक नजर

- 2008 में जेएनएनयूआरएम प्रोजेक्ट के तहत पाइप लाइन बिछाने का कार्य हुआ था शुरू।

- 393.93 करोड़ रुपए की लागत से प्रोजेक्ट किया गया था शुरू।

- 640 किमी। पाइप लाइन शहर में बिछाई जानी थी।

- 10 मात्र कार्य बचा हुआ है, जल्द होने वाला है पूरा।

- 2000 एमएम मोटी पाइप लाइन बिछाई गई है वाटर सप्लाई के लिए।

- 6 मीटर जमीन से नीचे डाली गई शहर में वाटर पाइप लाइन।

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पाइप लाइन में वाटर सप्लाई के लिए इन वॉल्व को लगाया गया है। यह वॉल्व लाइन में एयर की कमी को दूर करते हैं। इनमें कई वॉल्व में लोगों ने छेद कर दिया है, जिससे पानी बह रहा है। इनको सुरक्षित करने के लिए कार्य किया जाएगा। जिससे पानी की बर्बादी को रोका जा सके।

-कमलेश सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर, जल निगम