पुराना शहर। गलियों की भरमार। समस्याएं भी कम नहीं। शहर विधान सभा का कुछ यही हाल है। ब्रह्मपुरी का इलाका पिछले कई साल से जलभराव की समस्या झेल रहा है। घंटाघर के आसपास अतिक्रमण की समस्या आम है। पांच साल बाद विधानसभा चुनाव आए हैं तो समस्याओं की चर्चा शुरू हो गई है। लोगों का मानना है कि समस्याओं को हल करने के लिए जनप्रतिनिध को जनता के बीच रहता चाहिए

-पब्लिक चाहती है कि जनता के बीच रहे जनप्रतिनिधि

-जितना पुराना क्षेत्र, उतनी पुरानी क्षेत्र की समस्याएं भी

मेरठ। जनप्रतिनिधि चुनाव में ही दिखाई देते हैं। बाकी पांच साल न तो वह जनता की समस्या देखते हैं और न ही उनके दुख-दर्द में शामिल होते हैं। शहर विधानसभा के ब्रह्मपुरी क्षेत्र में आई नेक्स्ट ने जब चाय पर चर्चा की तो लोगों के मन की बात जुबां पर आ ही गई। किसी ने जनप्रतिनिधि से अंसतुष्टता दिखाई तो किसी ने नोटबंदी को चुनावी मुद्दा बताया। कई लोगों ने अपराध को इस बार का सबसे बड़ा मुद्दा बताया।

चाय पर चर्चा के दौरान अश्वनी शर्मा ने कहा कि इस बार चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा विकास का रहेगा। क्योंकि विकास के नाम पर हर सरकार अनदेखी करती है। चुनाव आते ही नेता विकास के वादे करते हैं। लेकिन उसके बाद सब भूल जाते हैं।

पास बैठे अंकित ने कहा कि अपराध भी एक बड़ा मुद्दा है। लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो गया है। व्यापारी असुरक्षित है। आए दिन व्यापारियों के साथ लूटपाट की घटना हो रही है। कानून-व्यवस्था बिल्कुल चरमराई हुई है। इस ओर किसी का ध्यान नहीं जाता है।

संजीव बोले कि शहर में विकास के नाम पर कुछ नहीं हुआ। ब्रह्मपुरी क्षेत्र की पुरानी समस्या है जलभराव, लेकिन आज तक किसी जनप्रतिनिधि ने इसका समाधान नहीं कराया है। हर बारिश में यह क्षेत्र नरक बन जाता है।

इतना सुनते ही शिवम रस्तोगी बोले कि इस बार विकास ही चुनावी मुद्दा होना चाहिए। शहर में अनेक प्रोजेक्ट हैं, जो सालों से अटके हुए हैं। जनप्रतिनिधि इस ओर कोई ध्यान नहीं देते हैं। सरकार आने पर वादा पूरा करने की बात करते हैं।

सबकी बात सुन रहे आशीष ने कहा कि नोटबंदी का मुद्दा चुनाव पर असर डालेगा। क्योंकि इससे आम आदमी को सबसे ज्यादा परेशानी हुई। आम आदमी ही लाइन में लगा। एक बड़ा आदमी या फिर कोई भीे नेता लाइन में लगा हुआ नहीं दिखाई दिया।

सरकार ऐसी आनी चाहिए, जो ईमानदारी से काम करे। किसी विशेष वर्ग के लिए काम न करे। उसके लिए प्रदेश की जनता बराबर होनी चाहिए। विकास की सोच के बिना विकास नहीं किया जा सकता है। मिलजुल कर सभी नेताओं को इस ओर ध्यान देना चाहिए।

-अशोक शर्मा

अपराध पर लगाम लगाने वाली सरकार आनी चाहिए। प्रदेश में अपराधियों का बोलबोला है। जनता बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। आए दिन लूट, हत्या, डकैती की घटना हो रही है। कानून व्यवस्था बिल्कुल खराब है। इसीलिए सरकार बनते ही सबसे पहले बदमाशों पर लगाम लगनी चाहिए।

-राजेश शर्मा

पार्टियों को चाहिए कि ईमानदार लोगों की टिकट दें। इस ओर भी पार्टियों का ध्यान देना चाहिए। प्रत्याशी से भी विकास और अन्य मुद्दों पर फर्क पड़ता है, लेकिन इस बार ऐसा लग नहीं रहा है किसी भी पार्टी की बहुमत से सरकार बने।

-कृष्ण कुमार

चुनाव आयोग को चुनाव पर और सख्ती करनी चाहिए। हर विधायक का काम के आधार पर रिपोर्ट कार्ड बनना चाहिए। यदि वह पास नहीं है तो उसके चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए। यदि ऐसा हो जाए तो विकास की गंगा बह जाएगी।

-प्रशांत कौशिक

टी प्वाइंट

चुनाव में भी महिलाओं की भागीदारी होनी चाहिए, जिससे उनकी आवाज उठाई जा सके। अभी तक किसी पार्टी ने एक भी महिला को टिकट नहीं दिया है। महिलाओं की सुरक्षा बहुत बड़ा मुद्दा है। लेकिन इस ओर कोई भी पार्टी ध्यान नहीं दे रही है। महिलाओं का घर से निकलना मुश्किल हो गया है।

-सीमा कौशिक