आखिर सामने आ गईं महिला लड़ाके

इराक और सीरिया में रहने वाली मुस्लिम युवतियों ने इस्लामिक स्टेट के आतंकियों के खिलाफ हथियार उठाने की कसम खा ली है. इस दिशा में आगे बढ़ते हुए मुस्लिम युवतियों ने हथियारों की ट्रेंनिंग भी शुरू कर दी है. इन ट्रैंनिंग कैंपों में महिलाओं की बढ़ती हुई संख्या इस बात का सुबूत है कि इराक और सीरिया में रहने वाली महिलाएं अब इस लड़ाई को अपने हाथों में लेना चाहती हैं. गौरतलब है कि यह महिलाएं सुबह से लेकर शाम तक हथियारों की ट्रैनिंग दे रही हैं.

कुर्दिश लड़ाकों में हजारों महिला लड़ाके शामिल

कुर्दिश लड़ाकों के समूहों में महिला लड़ाकों की संख्या हजारों में बताई जा रही है. दरअसल कुर्दो में लड़ाई के दौरान महिला लड़ाकों का मौजूद रहना सौभाग्यशाली माना जाता है. ऐसे में कुर्द पुरुष लड़ाकों के साथ महिला लड़ाकों को भी बराबर से लड़ाई करते देखा जा रहा है. हाल ही में एक कुर्द महिला लड़ाका रेहाना के सरकलम की बात सामने आई थी जिसने करीब 100 इस्लामिक स्टेट के आतंकियों को मौत के घाट उतारा था. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस समय कुर्द लड़ाकों में दस हजार महिला लड़ाकें शामिल हैं.

आतंकियों ने जारी किया फतवा

इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने महिलाओं के खिलाफ फतवा जारी करते हुए कहा कि महिलाएं तभी घरों से बाहर निकलें जब निकलना बेहद जरूरी हो. लेकिन इस फतवे को ताक पर रखकर आतंकियों से लोहा ले रही हैं. इन लड़ाकों में अफशीं कोबानी एक ऐसी लड़ाका हैं जो पिछले एक साल से लड़ रही हैं. यह अब एक युनिट की कमांडर हैं जिसमें पुरुष लड़ाके भी शामिल हैं.

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