- बीआरडी में दवाओं और सर्जिकल सामानों का चल रही भारी कमी

- ऑपरेशन के दौरान टांका लगाने वाला घागा तक बाहर से खरीद रहे मरीज

GORAKHPUR: मरीजों को चाहे जितनी परेशानी हो लेकिन लगता है बीआरडी मेडिकल कॉलेज के जिम्मेदारों को फर्क नहीं पड़ता। अक्सर ही यहां किसी न किसी वजह से इलाज पर संकट खड़ा हो जाता है। इस बार घावों पर टांका लगाने के लिए इस्तेमाल होने वाले धागे (सूचर) को लेकर मुसीबत खड़ी हुई है। सर्जिकल सामान की कमी से जूझ रहे अस्पताल में सूचर खत्म हो गया है। इसके चलते ओटी में सर्जरी के दौरान मरीजों को टांका तक नहीं लग पा रहा।

खरीदो तभी होगा ऑपरेशन

नौ सौ बेड वाले मेडिकल कॉलेज में इस समय दवाओं से लेकर सर्जिकल सामानों की भारी कमी चल रही है। इसके चलते मरीजों को मजबूरन दवा से लेकर सर्जिकल सामान तक बाहर से खरीदना पड़ रहा है। यहां की ओटी में पहले ही ड्रिप सेट, इंजेक्शन, सर्जिकल ब्लेड आदि सामान खत्म हैं। अब ऑपरेशन के दौरान टांके में इस्तेमाल होने वाला घागा (सूचर) भी खत्म हो गया है। इस कारण डॉक्टर मरीजों को बाहर से सूचर खरीदने को कह रहे हैं। जिस मरीज के तीमारदार बाहर से सूचर खरीद ला रहे हैं, उनका तो ऑपरेशन हो जा रहा है। लेकिन जो ये घागा नहीं खरीद पा रहा, उसे जिम्मेदार उसके हाल पर छोड़ दे रहे हैं। मेडिकल कॉलेज में अपने पति का इलाज कराने पहुंचीं कसया निवासी शकुंतला देवी ने बताया कि तबियत खराब होने पर उन्होंने पति को यहां भर्ती कराया। डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी। लेकिन ऑपरेशन के समय टांका लगाने वाला घागा बाहर से खरीद कर लाने को कहा गया। असमर्थता जताने पर कहा गया कि घागा नहीं लाया तो ऑपरेशन भी नहीं होगा। मजबूरन धागा खरीद कर लाना पड़ा।

बाकी जगह भी परेशानी

टांके का घागा खत्म होने से ओटी में ऑपरेशन के इंतजार में बैठे मरीज तो परेशान हैं ही। अन्य वार्डो में भी मुसीबत खड़ी हो गई है। जनरल सर्जरी, आर्थो, ईएनटी, नेत्र रोग और गायनी विभाग की ओटी में भी सूचर खत्म हो गया है। गायनी विभाग में तो रोज लगभग 40 से अधिक मरीजों का ऑपरेशन होता है। यहां भी तीमारदारों को बाहर से सूचर खरीदना पड़ रहा है ताकि उनके मरीज को ऑपरेशन नसीब हो सके। इसके अलावा ट्रॉमा सेंटर के ओटी में भी सूचर नहीं है। इसके चलते सबसे ज्यादा परेशानी लावारिस मरीजों के इलाज में हो रही है। सूचर न होने से डॉक्टर लावारिस मरीजों का बड़ा ऑपरेशन करने से मना कर दे रहे हैं।

जिम्मेदार दे रहे स्टॉक का हवाला

वहीं, सूचर खत्म होने से मरीजों को हो रही परेशानी पर जिम्मेदार जल्द समस्या दूर होने का आश्वासन देते नजर आ रहे हैं। नेहरू चिकित्सालय के एसआईसी डॉ। एके श्रीवास्तव का कहना है कि उन्हें सूचर खत्म होने की जानकारी मिली है। इसके अलावा खत्म हुईं अन्य आवश्यक दवाओं व सामानों के बारे में भी उन्हें पता है। उन्होंने कहा कि स्टॉक न मिलने से ये दिक्कत हुई है। इन चीजों के लिए ऑर्डर कर दिया गया है। एसआईसी ने आश्वासन दिया कि जल्द समस्या दूर हो जाएगी।

कोट

मेरे पति की हालत काफी खराब थी। उन्हें बीआरडी में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टर ने ऑपरेशन की सलाह दी। ऑपरेशन में टांका लगाने के लिए धागा बाहर से लाने को कहा गया। मजबूरन बाहर से घागा खरीद कर लाना पड़ा।

शकुंतला देवी, कसया, कुशीनगर

वर्जन

ओटी से सूचर खत्म होने की जानकारी हुई है। सूचर का ऑर्डर कर दिया जाएगा ताकि मरीजों का सही से इलाज हो सके।

- डॉ। एके श्रीवास्तव, एसआईसी नेहरू चिकित्सालय