कारगिल के समय इंडियन आर्मी के जनरल रहे वीपी मलिक ने कारगिल के 12 साल पूरे होने पर एक प्रेस कांफ्रेस कर पाकिस्तानी सेना द्वारा कारगिल दोहराने की आशंका जताई है.  उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने आज भी जम्मू-कश्मीर में प्राक्सी वार जारी रखने के अपने एजेंडे को नहीं छोड़ा है. जनरल मलिक श्रीनगर स्थित आर्मी के 15 कोर हेडक्वार्टर में पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा- "पाकिस्तानी सेना नियंत्रण रेखा(एलओसी) पर घुसपैठियों की मदद कर रही है. इसलिए कारगिल युद्ध जैसी स्थिति दोबारा बन सकती है. इससे निपटने के लिए हमें हमेशा सतर्क रहना होगा". इसके अलावा उन्होने आगाह किया कि बातचीत की प्रक्रिया के दौरान हमें सरहदों पर चौकसी में कमी नहीं करनी चाहिए. करगिल ने हमें यही सीख दी है.

जब उनसे पूछा गया कि कारगिल में खुफिया तंत्र कैसे नाकाम हो गया तो उन्होंने कहा "जब यह हुआ तो हम सभी हैरान रह गए. यह घुसपैठ लाहौर घोषणापत्र के बाद हो रही थी. हमारा सिविल और सैन्य खुफिया तंत्र शुरू में यह पता लगाने में नाकाम रहा कि आतंकियों ने घुसपैठ की है या पाकिस्तानी सेना ने. घुसपैठियों के खिलाफ अभियान शुरू होने के बाद पाकिस्तानी सेना के हेलीकॉप्टरों के ऑपरेशन में शामिल होने पर हमें यकीन हुआ कि हम सिर्फ घुसपैठियों से नहीं लड़ रह हैं. इसके बाद हमने अपनी रणनीति बदली और नतीजा सबके सामने है".

आपरेशन विजय की 12वें एनीवर्सिरी इवेंट में हिस्सा लेने आए मलिक ने कहा कि आर्मी और बाकी सिक्योरिटी फोर्सेज को चौकन्ना रहने की जरूरत है ताकि एक और कारगिल नहीं हो.  उन्होंने आगे कहा कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है ताकि यह तय किया जा सके कि अगर पाक की ओर से ऐसी कोई भी कोशिश होती है तो हम इसके लिए तैयार हैं.

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