ससुराल में जुल्म-ओ-सितम

बहू नंबर 1 : ‘मेरे बच्चे मुझे दिला दो साहब’
आरती मंगलवार को एसएसपी ऑफिस में रोते मिली। नगर निगम कंपाउंड में रहने वाली आरती की शादी 2008 में सहारनपुर के विनोद कुमार उर्फ सोनू से हुई थी। ससुराल में उस पर इतने जुल्म ढाए गए कि वो घर छोडऩे को मजबूर हो गई। लेकिन उसके जिगर के टुकड़े उससे दूर हो गए।

जीना किया मुहाल
आरती के दो बच्चे हैं। बड़ा बेटा ढाई साल का वासु और डेढ़ साल का छोटा बेटा कुश है। वो तीसरी बार प्रेगनेंट है। महंगाई और खर्चे की किल्लत के चलते वह अभी तीसरा बच्चा नहीं चाहती थी। जब उसने यह इच्छा पति विनोद के सामने रखी तो उसने मारपीट शुरू कर दी। मारपीट का सिलसिला एक बार शुरू हुआ तो थमा नहीं। ससुराल के बाकी सदस्यों का व्यवहार भी अच्छा नहीं था। विनोद का छोटा भाई मोनू भी उसके साथ मारपीट करता था। जब आरती के घर वाले ऐसा करने पर ऐतराज जताते तो उनके साथ भी गाली-गलौज की जाती। मार्च माह में आरती को उसके ससुराल वालों ने जमकर पीटा था। यह बात आरती ने अपने मां-बाप और बहनों को बताई। इसके बाद परिवार वाले सहारनपुर पहुंचे और आरती को वापस मेरठ ले जाने लगे। इस बीच विनोद और उसके भाई मोनू ने इनके साथ मारपीट की। किसी तरह मायके वाले आरती को लेकर मेरठ आ गए।

छीने जिगर के टुकड़े
आरती तो मेरठ आ गई, लेकिन उसके दोनों बच्चे उससे छीन लिए गए। आरती देहलीगेट थाने में जब इसकी रिपोर्ट दर्ज कराने पहुंची तो उसको वहां से चलता कर दिया गया। पुलिस वालों ने कहा कि सहारनपुर का मामला है वहीं केस दर्ज कराओ। आरती अपने घर तो पहुंच गई लेकिन अपने छोटे बच्चों की चाहत उसे जीने नहीं देती। थकहार कर वह मंगलवार को अपने बच्चों की वापसी की मांग लेकर एसएसपी के पास पहुंची। और अपने दोनों बच्चों के लिए गुहार लगाई। वो अपने दोनों बच्चों को वापस चाहती है। क्योंकि उसके बच्चों को ससुराल वाले ठीक से नहीं पाल सकते। फिलहाल उसको पुलिस से सकारात्मक आश्वासन मिला है।

बहू नंबर 2 : कोर्ट का ऑर्डर, फिर भी ससुराल में नहीं घुसने दिया

पांडव नगर में रहने वाले राजेंद्र सिंह त्यागी ने अपनी बेटी मीनू त्यागी की शादी नेहरू नगर के नीरज त्यागी पुत्र रामकुमार त्यागी से 5 मई 2001 को की थी। उस समय नीरज त्यागी जिंदल ग्रुप ऑफ स्टील्स में इंजीनियर था। पिता रामकुमार केसी इंटर कॉलेज माछरा में टीचर थे। नीरज से बड़े उसके दो भाई पंकज और अरविंद हैं। पिता की मौत के बाद नीरज को उनकी जगह 2007 में टीचर की नौकरी मिली।

जिंदगी की जंग
मीनू त्यागी को ससुराल में हमेशा दहेज के लिए प्रताडि़त किया जाता रहा। उसको घर से बार-बार बाहर निकाला गया। जब वो दहेज लेकर जाती तो ससुराल में एंट्री पा जाती। लास्ट टाइम उसको बेटी के साथ 2 जुलाई 2010 को ससुराल से धक्के देकर निकाल दिया गया था। मंगलवार को एक बार फिर वह अपनी बेटी के साथ कोर्ट का आदेश लेकर ससुराल गई। कोर्ट का ऑर्डर है कि उसे ससुराल में रहने की जगह दी जाए। लेकिन मीनू ने जब ससुराल के घर में प्रवेश करने की कोशिश की तो गेट से ही उसे उसके पति और सास ने धक्के देकर बाहर कर दिया।

पुलिस भी बिकी
मीनू अपने मां-बाप के साथ महिला थाने पहुंची। जहां उसने कोर्ट का आदेश दिखाते हुए शिकायत की। महिला थाना पुलिस ने ससुराल में एंट्री कराने का आश्वासन दिया। मीनू अपनी बेटी के साथ एक बार फिर ससुराल पहुंची। वहां पुलिस वाले थे लेकिन वे मीनू की ओर से नहीं बोले, बल्कि उसके पति के साथ चाय पी रहे थे। मीनू काफी देर तक गेट के बाहर खड़ी इंतजार करती रही। आरोप है कि नीरज ने पुलिस वालों को रिश्वत दी और वे वहां से चलते बने। मीनू एक बार फिर लाचार खड़ी न्याय का मुंह ताकती रह गई। मीनू का कहना है कि इस घर में यही होता आया है। नीरज के बड़े भाई पंकज त्यागी ने भी अपनी पत्नी आंचल को घर से बाहर निकाल दिया था। उसको भी कोर्ट के आदेश के बाद पुलिस की सहायता से घर में एंट्री मिली थी।

बहू नंबर 3 : पुलिस ने बना दी जोड़ी

आमतौर पर पुलिस ऑफिस हंगामे-प्रदर्शन के लिए जाना जाता है। इस दफ्तर में ज्यादातर लोग शिकायतें लेकर ही पहुंचते हैं। लेकिन मंगलवार को पुलिस ऑफिस ने ‘विवाह मंडप’ का रूप ले लिया। पुलिस वाले ‘पंडित’ की भूमिका में आ गए। यहां से सात जन्मों के रिश्ते की शुरुआत हुई। एक युवती को उसका हक दिलाया गया।

प्यार हुआ
टीपीनगर क्षेत्र में रहने वाली पूजा को मोहल्ले के ही गौतम से प्यार हो गया था। पूजा गौतम से शादी करना चाहती थी। उसने अपने पिता को इस रिश्ते के बारे में बताया लेकिन उन्हें ये मंजूर नहीं हुआ। करीब नौ महीने पहले पूजा के घरवालों ने उसे घर से निकाल दिया। गौतम के घरवालों को जब ये पता चला तो वो पूजा को अपने घर ले आए।

वो बदल गया
गौतम ने पूजा से कहा कि वो कुछ दिन बाद शादी कर लेंगे, लेकिन देखते-देखते पूरे नौ महीने बीत गए। गौतम बदल चुका था। उसने पूजा से शादी करने से इनकार कर दिया। पूजा फिर अपने घर पहुंची। उसके पिता ने महिला थाने में शिकायत की। पुलिस ने दोनों पक्षों को समझाकर 29 जून को शादी का मुहूर्त निकाल दिया। लेकिन गौतम फिर भी नहीं माना। मंगलवार को पुलिस ने पूजा और गौतम को पुलिस ऑफिस बुला लिया।

करवा दी शादी
पुलिस ऑफिस में दोनों अपने माता-पिता के साथ पहुंचे। गौतम ने कहा कि पूजा की कुछ बातें उसे पसंद नहीं हैं, वो उससे शादी नहीं करना चाहता। पुलिस ने गौतम को समझाया। महिला प्रकोष्ठ में दोनों को राजी किया गया। इसके बाद वरमाला मंगाकर पूजा और गौतम की शादी करा दी गई। अब 29 जून को विधिवत रूप से दोनों की शादी होगी। जयमाला के बाद पूजा ने कहा कि उसने पुलिस का ऐसा रूप पहली बार देखा है।