-कार्तिक पूर्णिमा में गंगा स्नान के लिए जुटे थे लाखों श्रद्धालु

BEGUSARAI/PATNA: सिमरिया में कार्तिक पूर्णिमा के दौरान भगदड़ मचने से फ् महिलाओं की मौत हो गई। घटना शनिवार की है। इस दौरान फ् पुलिस कर्मी समेत करीब दर्जनभर लोग घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि किसी ने करंट लगने की अफवाह फैलाई, जिससे भगदड़ मच गई। वही जिला प्रशासन ने मौत का कारण भीड़ की वजह से दम घुटने से बताया है।

संकरी जगह से बढ़ी भीड़

कार्तिक पूर्णिमा में गंगा स्नान के लिए श्रद्धालु शुक्रवार की देर रात से ही पहुंचने लगे थे। सिमरिया घाट स्थित काली मंदिर के पास हनुमंत निवास चौक के पास संकरी जगह होने से आने-जाने वालों की भीड़ बढ़ने लगी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इसी बीच करंट लगने की अफवाह फैली और लोग इधर-उधर भागने लगे। जिससे भगदड़ मच गई। कई महिला श्रद्धालु गिर गई और अन्य श्रद्धालु उनपर चढ़कर इधर-उधर भागने लगे। जवानों ने नीचे गिरी महिलाओं को जब तक उठाया तब तक फ् महिला श्रद्धालुओं की मौत हो गई।

मरने वालों में फ् महिला श्रद्धालु

नालंदा जिला के नूरसराय थाना अंतर्गत सुन्दरबीघा निवासी 70 वर्षीय कंचन देवी, सीतामढ़ी बथनाहा माधोपुर निवासी 7भ् वर्षीय त्रिवेणी देवी और दरभंगा टेंगराही निवासी 80 वर्षीय शकुंती देवी की मौत हो गई। सूचना पाते ही जिला प्रभारी मंत्री विजय सिन्हा, डीएम मो। नौशाद यूसूफ, एसपी आदित्य कुमार ने घटनास्थल का मुआयना किया। बिहार सरकार की ओर से मृतक के परिजनों को ब्-ब् लाख रुपए देने की घोषणा की है। वहीं कुंभ सेवा समिति ने भी मृतक के परिजन को भ्0-भ्0 हजार रुपए सहायता राशि के रूप में दी जाएगी।

सुरक्षा के नाम पर बड़ी चूक

स्थानीय लोगों ने बताया कि संकरी सड़क होने के बाद भी एक साथ लोगों का आना-जाना लगा था। जिस कारण तैनात पुलिस बल के जवान से भी भीड़ नियंत्रित नहीं हो पा रही थी। हालत यह था कि करीब क्भ्-ख्0 फीट चौड़ी सड़क से आनेवाली भीड़ अचानक मात्र ब्-भ् फीट चौड़ी सड़क में प्रवेश करती थी। जिस कारण भीड़ में धक्का-मुक्की शुरू हो जाती थी। यदि सड़क को वन-वे किया जाता, अर्थात् स्नान के लिए जाने वाले एक रास्ते से और स्नान कर वापस लौटने वाले दूसरे रास्ते से निकलते तो शायद ऐसी भगदड़ नहीं होती।