मौत बनकर पहुंची थी  car

योगेन्द्र प्रसाद बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं. उनका बड़ा बेटा रवि रेलवे में जॉब करता है और छोटा बेटा प्रवीण फस्र्ट इयर का स्टूडेंट है. मझिला बेटे उमाकांत(25) ने पुलिस विभाग में कांस्टेबल था. उमाकांत की पोस्टिंग इलाहाबाद हुई थी. कांस्टेबल उमाकांत वर्तमान में खुल्दाबाद पुलिस स्टेशन में ड्यूटी दे रहा था. 15 नवंबर की रात में वह चेतक बाइक से करेली में पोस्टेड एक कांस्टेबल के साथ पुलिस लाइन जा रहा था. जहां सिविल लाइंस में एक कार ने जोरदार टक्कर मार दी. दोनों जख्मी हो गए. उमाकांत की हालत ज्यादा सीरियस थी. उसे शहर के प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया, लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं सके.

अधूरे रह गए सारे अरमान

कांस्टेबल उमाकांत के पिता इस हादसे से इतने क्षुब्ध थे कि वह अपनी भावनाओं को नहीं रोक पाए. रो-रोकर उनका बुरा हाल था. उनके सारे अरमान अधूरे रह गए. जिन्हें वो कभी पूरा नहीं कर पाएंगे. वहीं पुलिस डिपार्टमेंट भी इस हादसे से दुखी था. पुलिसकर्मी उसका पार्थिव शरीर पुलिस लाइन लेकर पहुंचे. इस दौरान आईजी एलवी एंटनी देव कुमार और डीआईजी एन रविंदर की मौजूदगी में पुलिस डिपार्टमेंट ने उसे गॉड ऑफ ऑनर दिया. और शहर के रसूलाबाद घाट पर उमाकांत की पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार हुआ.

एकलौता बेटा भी नहीं रहा

वहीं दूसरी ओर सिविल लाइंस पत्रिका चौराहे पर एक कार ने विक्रम वाले को टक्कर मार दी, जिसमें घर का एकलौता बेटा चल बसा. पुलिस रिकार्ड के मुताबिक सलीम(30) कैंट राजापुर एरिया का रहने वाला था. उसके पिता विक्रम चलाते हैं. सलीम खुद प्राइवेट जॉब करता था. वह अपने परिवार का एकलौता चिराग था. सैटरडे लेट लाइट सलीम किसी काम से बाहर निकला था. रात में वह विक्रम से घर लौट रहा था. रास्ते में किसी गाड़ी ने विक्रम को जोरदार टक्कर मार दी. जिससे विक्रम पलट गई और विक्रम में बैठा सलीम गंभीर रूप से जख्मी हो गया. उसे हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उसे बचा नहीं सके.

Senior citizen भी हुए शिकार

 कुछ इसी तरह नई बस्ती कीडगंज के रहने वाले सीनियर सिटीजन भी रोड एक्सीडेंट में जान गंवानी पड़ी. पुलिस के मुताबिक 60 साल के हरीश जायसवाल जीरो रोड स्थित एक शॉप में जॉब करते हैं. नाइट में वह साइकिल से घर लौट रहे थे. सुंदरम टावर के पास टैंकर ने उन्हें रौंद डाला, जिससे उनकी मौत हो गई.

कुछ area सबसे खतरनाक

शहर में डेली ही एक्सीडेंट की घटनाएं हो रही हैं. कोई सेफ नहीं है और न ही कोई गाड़ी सेफ है. जिस तरह से रात के अंधेरे में स्पीड में गाडिय़ां चल रही हैं, उससे लगातार एक्सीडेंट हो रहा है. पिछले एक पखवारे में बाइक, कार, साइकिल और पैदल चलने वालों का एक्सीडेंट हुआ है. शहर में सबसे ज्यादा एक्सीडेंट सिविल लाइंस से धूमनगंज जाने वाली रोड पर हो रहा है. म्योहाल से लेकर चौफटका एरिया सबसे ज्यादा अनसेफ है. यह रोड जितनी ज्यादा चौड़ी है उतनी ही अनसेफ बनती जा रही है. म्योहाल, धोबी घाट, एकलव्य चौराहा, चौफटका, तोपखाना आदि जगहों पर हुए एक्सीडेंट में सबसे ज्यादा लोग मारे गए हैं.

Driving के दौरान रहे alert

-रात में ट्रक चलने वाले रूट पर चलने से बचने की कोशिश करें

-हेलमेट न होने पर एक्सीडेंट से सबसे ज्यादा होती हैं मौते

-हेड इंजरी होने पर तत्काल ट्रीटमेंट न मिला तो बचना मुश्किल

-कहीं भी एक्सीडेंट पर एम्बुलेंस के लिए 108 नंबर पर करें कॉल

-मदद के लिए 100 नंबर पर पुलिस को कर सकते हैं कॉल

-कार के अंदर भी मोबाइल से बात करना बना रखा है खतरा

-पैदल और साइकिल से चलने वालों को ज्यादा एलर्ट रहने की जरूरत