- पूर्व सीएमएस डॉ। यू। बंसल के पास मिली 1.70 करोड़ की काली कमाई

- डॉ। राकेश गुप्ता ने भी जुटाया एक करोड़ से ज्यादा का कालाधन

LUCKNOW: कैंसर के मरीजों के इलाज के नाम पर करोड़ों रुपये का घोटाला अंजाम देने वाले डॉक्टरों की काली करतूतें सामने आती जा रही है। मंगलवार को मामले के तीनों मुख्य आरोपी डॉक्टरों के ठिकानों में छापेमारी के बाद उनके पास से करोड़ों रुपये की काली कमाई बरामद हुई है। बुधवार को सीबीआई ने दवा घोटाला मामले के मुख्य आरोपी पूर्व सीएमएस डॉ। सुनीता गुप्ता के आलमबाग स्थित सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर को खंगाला तो उसमें दस लाख रुपये नगद, ज्वेलरी व संपत्तियों के दस्तावेज मिले। इसी तरह पूर्व सीएमएस डॉ। यू बंसल के आवास से सीबीआई ने 1.70 करोड़ तथा डॉ। राकेश गुप्ता के ठिकानों से एक करोड़ से ज्यादा की काली कमाई के सुबूत जुटाए है। सीबीआई जल्द ही तीनों से पूछताछ करने की तैयारी में है।

एफडीआर और बांड बरामद

सीबीआई की टीमों ने मंगलवार को पूर्व सीएमएस डॉ। यू। बंसल के आवास को खंगाला तो वहां से 1.70 करोड़ रुपये के बांड, एफडीआर और संपत्तियों के दस्तावेज मिले। सीबीआई ने इन्हें अपने कब्जे में ले लिया है। पूछताछ के दौरान डॉ। बंसल बांड और एडीआर के बारे में यह नहीं बता सके कि उन्होंने कहां से पैसे जुटाकर इन्हें लिया था। वहीं असिस्टेंट सीएमएस डॉ। राकेश गुप्ता के ठिकानों से एक करोड़ से ज्यादा की काली कमाई के सुबूत मिले हैं। इनमें एफडीआर, विभिन्न बैंकों में जमा की गयी रकम, संपत्तियों के दस्तावेज आदि है। सीबीआई गुरुवार को डॉ। राकेश गुप्ता के सदर बाजार स्थित बैंक ऑफ इंडिया के लॉकर को खोलने की तैयारी में है। इसके अलावा रायबरेली में भी उनके एक और लॉकर का पता भी चला है।

डॉ। दंपत्ति ने खरीदा था प्लॉट

डॉ। सुनीता गुप्ता और उनके पति डॉ। राजीव गुप्ता (किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में रेडियोथैरेपी विभाग के प्रोफेसरर) ने आशियाना के शारदा नगर स्थित रजत खंड में चार हजार स्क्वायर फिट का एक भूखंड भी खरीदा था। इसके दस्तावेज भी सीबीआई के हाथ लग चुके हैं। सीबीआई अब तक उनके पास से 1.70 करोड़ रुपये नगद बरामद कर चुकी है। डॉ। सुनीता गुप्ता के पति डॉ। राजीव गुप्ता को राजधानी स्थित सीबीआई जोनल मुख्यालय बुलाकर पूछताछ भी की। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह रकम उन्होंने अपनी बचत से जमा की थी। फिलहाल सीबीआई इसे बैंक में जमा करायेगी जिसके बाद इसे सुबूत के तौर पर अदालत में पेश किया जाएगा।

कमीशन के खेल में खुला गेम

केवल राजधानी ही नहीं, प्रदेश के कई जिलों में रेलवे अस्पतालों में यह खेल जारी था। सीबीआई के अधिकारियों की माने तो पूरे प्रदेश में यह घोटाला पचास करोड़ से ज्यादा का होने का अनुमान है। जांच में यह भी सामने आया है कि रेलवे यूनियन के कुछ पदाधिकारियों को इस गोरखधंधे की भनक लगी थी जिसके बाद वे डॉक्टरों और दवा सप्लायरों से कमीशन मांग रहे थे। कमीशन न मिलने पर ही उन्होंने इसका भंडाफोड़ कर दिया। इसके बाद मामले की विजिलेंस जांच हुई लेकिन कस्टोडियन द्वारा दवा खरीद से जुड़े दस्तावेज जलाने की वजह से सुबूत खुर्द-बुर्द हो गये।

चीफ फार्मासिस्ट से भी होगी पूछताछ

मंगलवार को घोटालेबाजों के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान सीबीआई को जानकारी मिली कि इस मामले का असली मास्टरमाइंड हास्पिटल का चीफ फार्मासिस्ट एसएन गुप्ता है। एफआईआर में उसका नाम नहीं होने की वजह से सीबीआई ने उसके ठिकानों को नहीं खंगाला था। छापेमारी के दौरान कई आरोपितों ने पूछताछ में चीफ फार्मासिस्ट की भूमिका के बारे में सीबीआई को बताया है जिसके बाद उससे पूछताछ भी की जाएगी। इसके लिए सीबीआई अन्य आरोपितों के 164 के बयान कराएगी।