मौत खींच ले गयी गंगा पार

इंटर के स्टूडेंट ऋषभ जायसवाल (18 वर्ष), इंटर पासआउट मोनू केसरी (19 वर्ष), क्लास नाइंथ के सत्यम सिंह, रिशु यादव, आशीष सिंह (सभी 16 वर्ष) में गहरी दोस्ती थी। अलग-अलग कॉन्वेंट स्कूल के इन स्टूडेंट्स का एक दिन बाद स्कूल खुलना था। रविवार को सभी ने गंगा घाट पर मौज-मस्ती करने का प्लैन बनाया। पांचों फ्रेंड्स दो बाइक्स पर सवार होकर दोपहर 1.30 बजे अस्सी घाट पहुंचे। थोड़ी देर तक घाटों पर टहले। तभी ऋषभ ने गंगा पार चलने की सलाह दी। शिवाला घाट से नाव किराये पर लेकर गंगा पार रामनगर एरिया के सिपहिया घाट के पास पहुंचे।

 

गड्ढे ने ली जान

पांचों दोस्त कपड़े निकालकर गंगा में मौज-मस्ती करने लगे। गंगा की गहराई नापने के लिए मोनू सिंह, सत्यम सिंह, ऋषभ जायसवाल एक के बाद एक हाथ पकड़कर आगे बढऩे लगे। थोड़ी दूर गए थे कि अचानक गड्ढा आया और तीनों उसमें समा गए। यह देख उनके आसपास रहे रिषु और आशीष के होश फाख्ता हो गए। दोनों गंगा नदी से बाहर आकर शोर मचाने लगे। फैमिली मेम्बर्स को भी फोन करके घटना की जानकारी दी। शोर सुनकर कुछ मल्लाह भी जमा हो गए। उन्होंने तीनों की बॉडीज को बाहर निकाला। जरी का कारोबार करने वाले न्यू कॉलोनी, ककरमत्ता निवासी राजकुमार जायसवाल के पुत्र ऋषभ की सांस थम चुकी थी। भिखारीपुर निवासी बिजनेसमैन श्यामजी केसरी का पुत्र और भाजपा नेता त्रिभुवन केसरी का पोता मोनू मौत की आगोश में समा चुका था। बिजनेसमैन नेवादा निवासी जयनीस सिंह का पुत्र और एरिया के पूर्व पार्षद विनीत सिंह के भतीजे सत्यम सिंह की भी मौत हो चुकी थी। राजेन्द्र विहार निवासी चंद्रबली सिंह के पुत्र आशीष और इंद्रनगर (चितईपुर) निवासी मनोज यादव का पुत्र रिषु जिंदा थे लेकिन आंखों के सामने हुई दोस्तों की मौत ने उन्होंने अंदर तक झकझोर दिया था।

Families में मचा कोहराम

हादसे की जानकारी होते ही स्टूडेंट्स की फैमिलीज में कोहराम मच गया। ऋषभ के पिता राजकुमार जासवाल घर पर ही बदहवास होकर गिर पड़े। उनकी हालत इतनी बिगड़ी कि हॉस्पिटल में एडमिट कराना पड़ा। बाकी के भी फैमिली मेम्बर्स और रिलेटिव्स बड़ी संख्या पर घाट पर पहुंच गए। उनके रोने-पीटने से माहौल गमगीन हो गया था। जिंदा होने की आशंका में सत्यम की बॉडी को हॉस्पिटल ले गए लेकिन डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया। रामनगर पुलिस बॉडीज को थाने ले आयी थी। यहां परिजन पोस्टमार्टम किये बिना बॉडीज को सौंपने की मांग पर अड़े रहे।