तीन घंटे तक शहर में घूमता रहा

- वारदात के दिन रात 7 बजे घर के पास स्थित कॉम्प्लेक्स के कैमरे में देखा गया

- चार दिन तक की थी रेकी, सर्विलांस में वेरीफाई हुआ मोबाइल नंबर

LUCKNOW : राजभवन के पास लूट की वारदात को अंजाम देने वाला लुटेरा तीन घंटे बाद अपने ठिकाने पर सुरक्षित पहुंचा था। शातिर लुटेरा भोलाखेड़ा स्थित एक कॉम्प्लेक्स में लगे सीसीटीवी में 30 जुलाई को शाम 7 बजे कैद हुआ था। कॉम्प्लेक्स से उसके मकान की दूरी महज आधा किमी है। पुलिस के लिए सीसीटीवी कैमरा अमृत बाण साबित हुआ। पुलिस ने लुटेरे तक पहुंचने के लिए सीसीटीवी का सहारा लिया था। हालांकि सर्विलांस के जरिए भी पुलिस बदमाश का सुराग लगाने में सफल रही।

सर्विलांस पर लिए 50 नंबर में एक था विनीत का

एक तरफ पुलिस शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे की मदद से बदमाश का सुराग लगा रही थी और दूसरी तरफ सर्विलांस की टीम अपने तरीके से काम कर रही थी। सर्विलांस ने घटनास्थल पर घटना के दिन और उससे दस दिन पहले से करीब तीन हजार नंबर को सर्विलांस पर लिया था। तीन हजार नंबर को शॉर्ट लिस्ट करने के बाद पुलिस को ऐसे 50 नंबर मिले हो जो कि घटना वाले दिन से चार दिन पहले तक वहां एक्टिव थे, लेकिन घटना के दिन और उसके बाद से एक्टिव नहीं मिले। सभी 50 नंबरों को पुलिस ट्रेस कर रही थी। इन्हीं नंबरों में आरोपी विनीत का भी नंबर था। उसकी पहचान होने के बाद सर्विलांस का दावा भी मजबूत साबित हुआ।

चार दिन तक की थी रेकी

शातिर विनीत ने करीब चार दिन तक कैश वैन की रेकी की थी। कैश वैन के मोतीनगर इलाके से आने जाने का समय और विनती के मोबाइल नंबर की लोकेशन एक साथ सर्विलांस को मिली थी। मजबूत रेकी के बाद ही उसने वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस ने मकान की तलाशी के दौरान आधार कार्ड, अन्य दस्तावेजों में फोटो और लूट में प्रयोग बैग, गाड़ी और जूते बरामद किए। आरोपी की पहचान के लिए पुलिस ने प्रत्यक्षदर्शी प्रभात पांडेय और कस्टोडियन राम सेवक को भी मौके पर बुलाया। फोटो और सामान देखकर दोनों ने उसकी पहचान की।

सीसीटीवी से बचने का किया था प्रयास

शातिर विनीत वारदात को अंजाम देने के बाद बड़े चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे से बचने के लिए गलियों से गुजारा था। जिसके चलते उसे घर पहुंचने में तीन घंटे का समय लगा था। शातिर ने सीसीटीवी से बचने के लिए जिन गलियों को चुना था पुलिस उन्हीं गलियों में लगे सीसीटीवी के जरिये उस तक पहुंची। इसके अलावा हिम्मत करके जिन लोगों ने उसका वीडियो बनाया था, वह भी उसकी पहचान के लिए मजबूत आधार साबित हुआ।