- कॉलेजों की मान्यता वापसी के लिए खुद बनाएगा नियम

- नॉन परफॉर्मिग कॉलेजों को स्वत: ही बंद करेगा एकेटीयू

- सेंट्रल यूपी और एनसीआर के कॉलेजों का बुरा हाल

LUCKNOW :

डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी अपने सम्बन्ध करीब तीन सौ कॉलेजों को खुद बंद करेगी। इसके लिए यूनिवर्सिटी क्लोजर आवेदन प्रक्रिया में बदलाव करने जा रही है। यूनिवर्सिटी जल्द ही एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजेगी। यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि अगले सेशन में कॉलेजों को मान्यता देने से पहले हम उनके प्रदर्शन के बेस पर तय करेंगे कि कॉलेज की मौजूदा स्थिति कैसी है। अगर सब ठीक नहीं मिला तो यूनिवर्सिटी स्वत: ही कॉलेजों को बंद कर देगी। कॉलेज बंद करने के लिए लम्बे नियमों का पालन नहीं करना होगा।

50 हजार सीटें ही भरीं

यूनिवर्सिटी प्रशासन का कहना है कि बीते पांच-छह सालों से एसईई काउंसिलिंग से 20 हजार से अधिक स्टूडेंट्स हमारे कॉलेजों में एडमिशन नहीं लेते हैं। इसके अलावा करीब 30 हजार स्टूडेंट्स डायरेक्ट एडमिशन लेते हैं। ऐसे में बाकि कॉलेज अपने आधार से स्टूडेंट्स का एडमिशन कराते हैं। हमारी कोशिश है कि सभी सवा छह सौ कॉलेजों को उनकी परफॉर्मेस देखकर मान्यता दी जाए। जो कॉलेज लगातार खराब प्रदर्शन करेगा उसकी मान्यता खत्म कर दी जाएगी।

दस कॉलेजों ने बंद करने का दिया आवेदन

वीसी प्रो। पाठक ने बताया कि इस सेशन में प्रदेश से दस कॉलेजों ने क्लोजर के लिए आवेदन किया है। इन कॉलेजों को इस साल की काउंसिलिंग से बाहर रखा गया। यहां पढ़ रहे स्टूडेंट्स को दूसरे कॉलेजों में ट्रांसफर करने की तैयारी चल रही है। इस प्रक्रिया के दौरान कोई भी कॉलेज बंद नहीं हो सकता।

प्रदर्शन का पैमाना

वीसी ने बताया कि सभी कॉलेजों की रेटिंग प्रदर्शन के बेस पर तैयार की जाएगी। जिन कॉलेजों के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आ रही है उन कॉलेजों को नोटिस देकर डायरेक्ट बंद कर दिया जाएगा। कॉलेजों के प्रदर्शन को मापने के लिए इस साल कई तरह के प्रोग्राम और गाइड लाइन लागू की जाएंगी।

कोट

एसईई से हर साल करीब 50 हजार स्टूडेंट मिलते हैं। सीटों की संख्या डेढ़ लाख से अधिक है। इससे साफ होता है कि कॉलेजों की स्थिति अच्छी नहीं है। ऐसे में इनको डायरेक्ट बंद करने के लिए नया नियम अगले साल से लागू किया जाएगा।

प्रो। विनय कुमार पाठक,

वीसी, एकेटीयू

बाक्स

यहां की स्थिति सबसे खराब

राजधानी में 60 से अधिक इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट कॉलेज एकेटीयू में रजिस्टर्ड हैं। इनमें करीब एक दर्जन को छोड़ दें तो इस बार एसईई काउंसिलिंग से उनके यहां खाता भी नहीं खुला है। वहीं तीन सौ से अधिक कॉलेज गाजियाबाद और एनसीआर के हैं। यह हाल केवल इस साल का नहीं बल्कि बीते चार पांच साल से चला आ रहा है। ऐसे में इन कॉलेजों को अगर बंद किया जाता है तो इसके लिए यूनिवर्सिटी को लंबा प्रोसेस फालो करना पड़ता है। एकेटीयू वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक ने बताया कि हम मान्यता समाप्त करने के नियमों में बदलाव करने की तैयारी कर रहे हैं। अगले सेशन से हम स्वत: ही सभी कॉलेजों की मान्यता समाप्त कर देंगे। इसके लिए नया ऑर्डिनेंस जल्द ही शासन से पास करा लिया जाएगा।