- काकोरी एरिया में रोड किनारे खड़े तीन युवकों को रोडवेज बस ने रौंदा

- हादसे की खबर सुनकर रिश्तेदार की भी मौत, ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

LUCKNOW :

काकोरी के बहरू गांव में नई पुलिया के पास शनिवार सुबह बेकाबू रोडवेज बस ने सड़क किनारे खड़े तीन दोस्तों को रौंद दिया। जिससे तीनों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि चालक बस लेकर भाग निकला। हादसे से गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया और धरना-प्रदर्शन व नारेबाजी की। पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और रोडवेज बस के ड्राइवर की गिरफ्तारी का आश्वासन दिया। जिसके बाद ग्रामीणों का गुस्सा शांत हुआ। वहीं हादसे की जानकारी मिलने पर एक मृतक के रिश्तेदार की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी।

रोड किनारे खड़े थे तीनों

एसओ यशकांत सिंह ने बताया कि हादसा सुबह करीब साढ़े नौ बजे हुआ। खानपुर मऊ गांव निवासी रेलवेकर्मी फूलचंद्र का बेटा भोला (21), मलिहाबाद के तिसुवा में रहने वाले रामसेवक का बेटा अजय (23) और इंद्रसेन का बेटा गौरव (22) नई बस्ती पुलिया पर खड़े होकर बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान बहरू गांव की तरफ से आ रही तेज रफ्तार रोडवेज बस बेकाबू हो गयी और उन्हें रौंदते हुए निकल गई। जिससे वहां हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने युवकों के परिवारीजनों और पुलिस को सूचना दी। एंबुलेंस का नंबर मिलाया लेकिन, काफी देर तक कोई मौके पर नहीं पहुंचा। इस बीच तीनों ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ दिया।

रोड जामकर किया प्रदर्शन

हादसे की खबर आसपास के गांवों में आग की तरह फैल गई। जिसने भी सुना वह घटनास्थल की ओर भागा। गुस्साए ग्रामीणों ने शव सड़क पर रखकर जाम लगा पुलिस-प्रशासन पर लापरावही पर रोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। जानकारी पाकर काकोरी सहित आसपास के थानों की पुलिस मौके पर पहुंची और मृतकों के परिवारीजनों और ग्रामीणों को समझाकर शांत कराया। पुलिस ने चालक को जल्द गिरफ्तार करने और मृतकों को मुआवजा दिलाने का भरोसा देकर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।

रिश्तेदार को हार्ट अटैक पड़ा

हादसे का पता चलते ही गौरव के रिश्तेदार बुद्धेश्वर निवासी रामू यादव (55) को दिल का दौरा पड़ गया। परिवारीजन उन्हें अस्पताल ले गए जहां मौत हो गई। परिवारीजनों ने बताया कि रामू यादव ठेकेदारी करते थे। उधर, भोला के पिता फूलचंद्र ने बताया कि वह बुद्धेश्वर इलाके की एक दालमोठ फैक्ट्री में लोडर चलाने का काम करता था। अजय और गौरव भी वहीं काम करते थे। सुबह भोला बाइक लेकर काम पर जाने के लिए निकला और नई पुलिया पर दोस्तों को खड़ा देख रुक गया। उन्होंने कहा कि अगर बेटा दोस्तों को देखकर बाइक न रोकता तो वह जिंदा होता। भोला के परिवार में मां चंपाकली के अलावा भाई बबलू व अनुज हैं। अजय के पिता रामसेवक यादव दूध का काम करते हैं। घर पर मां गुड्डी, भाई नवनीत, नितिन, छोटू और बहन आरती है। वह चार भाई-बहन में तीसरे नंबर का था जबकि गौरव के पिता इंद्रसेन किसान हैं। उसके परिवार में मां सावित्री, भाई अनुपम और बहन प्राची हैं।

तो बच सकती थी जान

ग्रामीणों का कहना था कि उन्होंने हादसे के तत्काल बाद पुलिस कंट्रोलरूम और एंबुलेंस सेवा का नंबर मिलाकर मदद मांगी। हालांकि, दो घंटे तक कोई मौके पर नहीं पहुंचा। तब तक तीनों सड़क पर ही तड़पते रहे। अगर समय पर मदद मिल जाती तो शायद तीनों की जान बचाई जा सकती थी।

परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप

मृतक भोला यादव के भाई बबलू ने मलिहाबाद के तिलसुवा गांव निवासी बस चालक हरिओम के खिलाफ जानबूझकर वाहन से कुचलकर मारने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया है। बबलू का कहना है कि हरिओम से उनका पुराना विवाद चल रहा है। इसी के चलते उसने बस से तीनों को कुचलकर मार डाला। एसओ ने कहा कि मामले की छानबीन की जा रही है।