- हमीरपुर हाईवे एनएच-2 के अलावा टाटमिल से यशोदा नगर तक की रोड पर सबसे ज्यादा एकसीडेंट्स

-हर महीने 7 से 8 जानें लेती हैं ये

सड़कें, ट्रकों की धमाचौकड़ी के अलावा लापरवाही भी बड़ी वजह

-रोड एक्सीडेंट्स के मामले में कानपुर देश में 9वें, यूपी में दूसरे स्थान पर

-देश के कुल सड़क हादसों में 3.3 शहर में

kanpur@inext.co.in

KANPUR : सिटी की सड़कों के जानलेवा होने का बड़ा कारण सिर्फ ट्रक ही नहीं हैं, बल्कि खराब सड़कें और ट्रैफिक सेंस की कमी भी बड़ी वजह है। एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो) के अनुसार शहरों में रोड एक्सीडेंट्स की लिस्ट में कानपुर 9वें स्थान पर है। साउथ सिटी की अगर बात करें तो यहां की तीन सड़के हर महीने 8 से क्0 जानें ले लेती हैं। इसके अलावा सिटी में होने वाले ब्0 फीसदी सड़क हादसे इन्हीं तीन सड़कों पर होते हैं। हमीरपुर हाईवे, एनएच-ख् और टाटमिल से यशोदा नगर की सड़कों पर ही ट्रकों का सबसे ज्यादा धमाचौकड़ी भी होती है। यहां हादसों की बड़ी वजह लापरवाही भी है।

हादसों की वजह

हमीरपुर हाईवे, एनएच-ख् और टाटमिल से यशोदा नगर तक एक्सीडेंट्स की सबसे बड़ी वजह ट्रक ही हैं। यहां दुपहिया वाहन सवारों को ट्रक के कुचले जाने की घटनाएं अधिकतम हैं। यहीं पर ट्रांसपोर्ट नगर, मौरंगमंडी और गल्लामंडी है। इसी से इन सड़कों पर ट्रकों की धमाचौकड़ी भी सबसे ज्यादा है। इसके अलावा हमीरपुर हाईवे की जर्जर हालत भी हादसों की बड़ी वजह है। नौबस्ता और बर्रा थाने में ही हर हफ्ते एक्सीडेंट्स की 7 से 8 घटनाएं दर्ज होती है।

एक्सीडेंटल डेथ रेट ी मैक्सिमम

इन तीन सड़कों पर होने वाले एक्सीडेंट्स में डेथ रेट भी काफी है। हर हफ्ते दर्ज होने वाले रोड एक्सीडेंट्स के आधा दर्जन के करीब मामलों में यहां पर सबसे ज्यादा मौतें होती है। इसकी वजह साउथ में किसी बड़े हॉस्पिटल या ट्रॅामा सेंटर का नहीं होना भी है। जनवरी ख्0क्ब् से जुलाई ख्0क्ब् तक ही बर्रा और नौबस्ता थाने के अंतर्गत रोड एक्सीडेंट्स में अब तक ब्0 से ज्यादा जानें जा चुकी हैं।

ट्रकों से सबसे ज्यादा मौतें

हाईवे हो या फिर शहर के अंदर की सड़कें, लेकिन सड़क हादसों में अधिकांश मौतों के जिम्मेदार ट्रक ही हैं। नौबस्ता के पशुपति नगर में जहां हादसा हुआ वो रिहायशी इलाका है। लेकिन वहां पर भी मौरंग लदे ट्रकों की धमाचौकड़ी रहती है। एनसीआरबी के ताजा आकड़ों के मुताबिक सड़क हादसों में क्9.फ् फीसदी मौतें ट्रकों से हुई हैं।

सड़क हादसों में कानपुर नंबर-ख्

एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के अनुसार देश में रोड एक्सीडेंट्स के मामले में तो कानपुर का 9 वां नंबर है लेकिन यूपी में यह दूसरे नंबर पर है। यूपी में रोड एक्सीडेंट्स में मेरठ सबसे आगे है, जहां देश भर के रोड एक्सीडेंट्स की क्ब्.7 फीसदी घटनाएं होती हैं। वहीं टाप टेन शहरों में होने वाले कुल रोड एक्सीडेंट्स का फ्.फ् फीसदी अपने शहर का याेगदान है।

पुलिस की वसूली हैड़ी वजह

साउथ की इन तीन सड़कों पर ट्रकों की धमाचौकड़ी की वजह वसूली भी है। शहर के दो थानों में ही यह सड़कें आती हैं। सिटी के मलाईदार थानों में शुमार नौबस्ता और बाबूपुरवा थानाक्षेत्र में ही ट्रांसपोर्ट नगर और मौरंगमंडी आती है। ट्रकों की वसूली का सबसे बड़ा हिस्सा इन्हीं दो थानों में आता है। जिसकी वजह से इन थानों में पोस्टिंग भी पाने को लेकर होड़ भी रहती है।

यहां सबसे ज्यादहादसे

- महाराजपुर में कुलगांव मोड़

-लखनऊ रोड से रामादेवी चौराहे की तरफ हाईवे पर

- कल्याणपुर में आईआईटी से गुरुदेव चौराहे के बीच

- सचेंडी में किसान नगर और चकरपुर मंडी के पास

-पनकी में भाटिया होटल के पास

-हमीरपुर रोड यशोदा नगर से बिधनू तक

-एनएच-ख् चकेरी से बर्रा तक

-टाटमिल से यशोदा नगर तक

-नौरेयाखेड़ा में एलएमएल तिराहे के पास