- राजकीय सम्प्रेक्षण गृह किशोर से दूसरे जिलों के किशोर होने शिफ्ट

- सिर्फ बुलंदशहर के आरोपियों को किया जा सका है शिफ्ट

- सम्प्रेक्षण गृह में मौजूदा समय में हैं 110 कैदी

Meerut : करीब तीन महीने पहले राजकीय सम्प्रेक्षण गृह किशोर से ब्ख् बंदियों के फरार होने के बाद दूसरे जिलों के बंदियों को शिफ्ट किए जाने का सिलसिला शुरू किया गया था। लेकिन अभी तक ये काम पूरा नहीं किया जा सका है। अब पांच बंदियों के फरार होने के बाद एक फिर से सवाल खड़े हो गए हैं। आखिर प्रकिया कब पूरी होगी। क्योंकि क्00 से ऊपर बंदियों को संभालना काफी मुश्किल होता जा रहा है। साथ बंदियों के फरार होने की घटनाएं रुक नहीं रही हैं।

अभी भी है क्क्0 बंदी

राजकीय सम्प्रेक्षण गृह किशोर में मौजूदा समय में क्क्0 बंदी हैं। जिनमें से सबसे अधिक गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर जिले के हैं। वहीं बागपत के भी बंदी मेरठ ही अपनी सजा पूरी कर रहे हैं। ऐसे में इतने बंदियों को संभाल पाना डीपीओ और राजकीय सम्प्रेक्षण के कर्मचारियों के लिए काफी मुश्किल हो रहा है। जबकि बुलंदशहर और हापुड़ के बंदियों को बुलंदशहर में शिफ्ट कर दिया गया था। तब मेरठ से ब्फ् बच्चों को शिफ्ट कर दिया गया था।

तो रह जाएंगे ब्भ् बंदी

अगर बात मेरठ के ही बंदियों की करें तो क्क्0 में से सिर्फ ख्0-ख्ख् बंदी मेरठ के ही हैं। इतने ही बागपत के हैं। उसके बाद बचे हुए बंदी गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद जिले हैं। अगर गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद जिले बंदियों को उनके डिस्ट्रिक्ट में शिफ्ट कर दिया जाता है तो मेरठ को काफी राहत मिल जाएगी। लेकिन अभी अगले छह महीने तक ऐसे कोई आसार नहीं लग रहे हैं। अधिकारियों का ढीला रवैया मेरठ पर काफी भारी पड़ रहा है।

जीबीएन में हो रहा है काम

जिला प्रोबेशन अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि गौतमबुद्धनगर में एक बिल्डिंग बनाई जा रही है, जहां गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर के बंदियों को शिफ्ट कर दिया जाएगा। उस पर काम चल रहा है। काम कब तक पूरा होगा अभी इस बारे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। दोनों डिस्ट्रिक्ट के बंदियों के जीबीएन में शिफ्ट हो जाने के बाद मेरठ में बागपत और मेरठ के बंदी ही रह सकेंगे। गौरतलब है फरवरी की वारदात के कमिश्नर ने सभी जिलों को आदेश जारी किया था कि अपने-अपने जिलों में बंदियों की व्यवस्था करें। बाद में एक ही जिले में दो जिलों के बंदियों को शिफ्ट करने पर मुहर लग थी, लेकिन अभी तक वो काम पूरा नहीं हो सका है।

गौतमबुद्धनगर में बिल्डिंग तैयार हो रही है। काम भी जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश की जा रही है। ताकि गाजियाबाद और जीबीएन के बंदियों को वहां पर शिफ्ट किया जा सके।

- पुष्पेंद्र सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी