RANCHI : राज्य में नक्सलियों पर शिकंजा कसने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने तीन नई एफआईआर दर्ज की है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा आदेश जारी किए जाने के बाद एनआईए ने झारखंड के नक्सली संगठनों से जुड़े तीन और मामलों को टेकओवर किया है। मालूम हो कि राज्य में नक्सली गतिविधियों को पूरी तरह खत्म करने के लिए झारखंड पुलिस व अन्य केंद्रीय सुरक्षा बल संयुक्त अभियान चला रहे हैं और इस सिलसिले में एनआईए व ईडी का भी सहयोग लिया जा रहा है।

एनआईए ने किया टेकओवर

गिरिडीह के सरिया निवासी मनोज कुमार को भाकपा माओवादियों के उत्तरी छोटानागपुर जोन के नेताओं का निवेशक माना जाता है। मनोज के नाम पर माओवादियों ने खूब संपत्ति भी खरीदी है। 22 फरवरी को पुलिस ने डुमरी में मनोज के ठिकानें पर छापेमारी की थी। उसके पास से पुलिस ने लेवी के छह लाख रुपये बरामद किए थे। इस मामले में डुमरी थाना में कांड संख्या 6/18 दर्ज किया था।

एनआईए के हवाले ये मामले

1- गिरिडीह में भाकपा माओवादियों के लिए पैसे निवेश करने वाले मनोज कुमार के पास से छह लाख रुपये नकद बरामदगी का मामला।

2-चतरा के लावालौंग से गिरफ्तार टीपीसी उग्रवादी कमलेश गंझू के पास से बरामद लेवी के 36.14 लाख नकदी, एके 47 हथियार, चेकोस्लाविया मेड पिस्टल की बरामदगी से जुड़ा मामला।

4-पलामू के टीपीसी उग्रवादी श्याम भोक्ता के पास से बरामद 5 लाख नकदी और हथियार से जुड़े केस में एनआईए दिल्ली ने एफआइआर दर्ज की है।

अवैध हथियार फैक्ट्री का खुला था राज

पलामू की पांकी पुलिस ने 23 नवंबर 2017 को बराज पुल के पास से टीपीसी के उग्रवादी श्याम सिंह भोक्ता को गिरफ्तार किया था। श्याम के पास से पुलिस ने पांच लाख, एक देशी पिस्टल और दो गोलियां बरामद की थी, लेकिन श्याम की निशानदेही पर पलामू पुलिस को टीपीसी उग्रवादियों के अवैध हथियार फैक्टरी का पता चला था।