ये है कोर्ट की स्थिति

88 - कोर्ट

77 - जज

55 - सरकारी वकील

6000 - अधिवक्ता

200000 - पेंडिग केस

6000 - फरियादियों में रोजाना आवाजाही

5 000 - मुंशी

40 नए कोर्ट की है आवश्यकता

3 फ‌र्स्ट टै्रक कोर्ट

1 फैमिली कोर्ट

50 जिलों में 111 नई पारिवारिक अदालतों का यूपी में होगा गठन

9 पारिवारिक अदालतें बनेगी लखनऊ में

5 पारिवारिक अदालतों को गठन होगा गाजियाबाद में

4-4 नई अदालतों का गठन होगा कानपुर, आगरा, अलीगढ़, इलाहाबाद, गोरखपुर, जौनपुर में

3-3 पारिवारिक अदालतों का गठन होगा मेरठ, बरेली, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बिजनौर, बुलंदशहर, फैजाबाद, इटावा, देवरिया, गौतमबुद्धनगर, गौंडा, हरदोई, जालौन, झांसी, कानपुर देहात, कुशी नगर के पडरौना, लखीमपुर खीरी में

कोर्ट कम होने से फरियादियों को नहीं मिल रहा न्याय

नई अदालतों के गठन से खत्म होगी केसों की पेंडेंसी

Meerut। मेरठ समेत यूपी के 50 जिलों में 111 नई पारिवारिक अदालतों का गठन किया जाएगा। इससे लोगों को जल्दी न्याय मिल सकेगा। अभी तक कोर्ट कम होने से कई मुकदमे पेंडिंग हैं। यही नहीं, फरियादियों को न्याय पाने में 20-25 साल लग जाते हैं।

मेरठ में होंगे तीन कोर्ट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मेरठ में तीन फैमिली कोर्ट समेत यूपी के 50 जिलों में 111 नए फैमिली कोर्ट बनाने की घोषणा की है। इसमें पारिवारिक मामलों की सुनवाई हो सकेगी। ताकि लोगों को जल्द ही न्याय मिल सके। हाईकोर्ट ने भी नई पारिवारिक न्यायालयों के गठन के दिशा- निर्देश्ा दिए है।

इन मामलों की होगी सुनवाई

पति पत्‍‌नी के विवाद, दहेज प्रताड़ना, दहेज प्रतिषेध अधिनियम, गुजारा भत्ता, तलाक, महिला उत्पीड़न सबंध्ि1ात मामले

यह हाेगा फायदा

मेरठ में जितनी कोर्ट होंगी उतने ही मुकदमों की जल्दी सुनवाई होगी। इससे फरियादियों को जल्द ही न्याय मिल सकेगा। इस समय 40 हजार मुकदमे पेडिंग हैं। अगर मेरठ में तीन और कोर्ट स्थापित होगी तो मुकदमों की पेंडेसी जल्द समाप्त होगी।

कई वषर्ो से मांग

मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र जानी ने बताया कि मेरठ में पिछले कई सालों से पारिवारिक कोर्ट की संख्या बढ़ाने की मांग की जा रही थी। एक ही कोर्ट होने से फरियादियों को काफी दिक्कतें आ रही थी।

यह सरकार का सराहनीय कदम है। मेरठ में तीन नई फैमिली कोर्ट की स्थापना से लोगों को शीघ्र ही न्याय मिल सकेगा। केसों की पेंडेसी भी समाप्त हो जाएगी।

राजेंद्र सिंह जानी, अध्यक्ष मेरठ बार एसोसिएशन

मेरठ में एक ही फैमिली कोर्ट चल रही है। इस कोर्ट में मुकदमों की काफी पेंडेंसी है। अगर मेरठ में तीन और कोर्ट बनेगी तो जल्द न्याय ि1मल सकेगा।

प्रबोध शर्मा

पूर्व महामंत्री मेरठ बार एसोसिएशन

मेरठ में मेरठ बार एसोसिएशन की तरफ से पिछले कई सालों से पारिवारिक मुकदमों के मामलों के शीघ्र निस्तारण के लिए फैमिली कोर्ट की मांग की जा रही थी।

देवकी नंदन शर्मा, महामंत्री मेरठ बार एसोसिएशन

मेरठ में तीन फैमिली कोर्ट बनने से मेरठ के लोगों को काफी राहत मिलेगी। कोर्ट में चल रहे पेंडिंग मुकदमों का जल्द ही निपटारा होगा।

हरिओम शर्मा, वरिष्ठ अधिवक्ता