- पॉलीटेक्निक चौराहे पर सुबह और शाम चौतरफा जाम

- न ट्रैफिक सिग्नल न कंट्रोलर, व्हीकल के प्रेशर से चलता है ट्रैफिक

LUCKNOW : वैसे तो राजधानी के अधिकतर चौराहों पर आपको जाम की समस्या देखने को मिल जाएगी लेकिन अगर हम पॉलीटेक्निक चौराहे की बात करें तो यहां दिनभर जाम लगा रहता है। लोग जाम में फंसकर घंटों परेशान होते रहते हैं। लेकिन यहां तैनात ट्रैफिक पुलिस के जवान जाम खत्म कराने की जहमत नहीं उठाते। जिसका खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है। डिपार्टमेंट इसके लिए कम फोर्स का हवाला देता है जबकि चौराहों पर मौजूद फोर्स जाम हटाने की जगह क्या करती है यह दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियाल्टी चेक में साफ हो गया।

रियाल्टी चेक-

खुल गई दावों की पोल

दैनिक जागरण आई नेक्स्ट को पॉलीटेक्निक चौराहे पर लगातार जाम और ट्रैफिक कंट्रोलर की गैर मौजूदगी की शिकायतें मिल रहीं थीं। जाम से परेशान लोगों की इन शिकायतों पर जब इस चौराहे का रियाल्टी चेक किया गया तो ट्रैफिक पुलिस डिपार्टमेंट की पोल खुल गई। यहां चौराहे पर ट्रैफिक कंट्रोल करने के लिए कंट्रोलर तैनात नहीं थे।

ड्यूटी में खेलते मिले तीन पत्ती

पॉलीटेक्निक चौराहे पर गुरुवार शाम भीषण जाम लगा था। एक तरफ तो जाम से लोग परेशान हो रहे थे वहीं जिन पर इस जाम को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी है वे कहीं दिखाई नहीं दे रहे थे। दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने जब ओवर ब्रिज के नीचे जाकर देखा तो एक ट्रैफिक कांस्टेबल कुर्सी पर बैठे मोबाइल पर तीन पत्ती (ताशा) खेलते दिखाई दिया।

गप लड़ाते दिखे सिपाही

चौराहे पर बने पुलिस बूथ के बगल में स्टॉफ की गाडि़यां खड़ी होती हैं। उन गाडि़यों पर बैठकर ट्रैफिक कंट्रोलर और सहायक होमगार्ड आपस में गप्प लड़ाते देखे गए। जबकि चंद कदमों की दूरी पर लोग जाम से जूझ रहे थे। जाम खुलवाना तो दूर ये लोग उसकी ओर देखना भी मुनासिब नहीं समझ रहे थे। मजबूरी पर लोग खुद कंट्रोलर बनें और जाम खुलवाने की कोशिश करने लगे।

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हेडिंग - व्यस्त चौराहे पर व्यवस्था ध्वस्त

1.5 लाख वाहनों का लोड

दो पड़ोसी जनपदों की लिंक रोड से जुड़ने वाला पॉलीटेक्निक चौराहा दिन भर जाम की समस्या से जूझता रहता है। इस चौराहे पर डेली एक से डेढ़ लाख वाहनों का लोड रहता है। यहां जाम न लगे इसको लेकर ट्रैफिक पुलिस की ओर से कई बार बड़े-बड़े दावे किए गए। इसके बाद भी हालात में किसी तरह का सुधार नहीं हुआ है।

सिटी का इंट्री प्वाइंट

सीतापुर से आने वाले मुंशी पुलिया होते हुए पॉलीटेक्निक पहुंचते हैं, जबकि बाराबंकी से आने वाले चिनहट, मटियारी होते हुए इस चौराहे से सिटी में इंट्री करते हैं। इस चौराहे पर एक साइट में तीन मेन रोड हैं, जबकि दूसरी तरफ दो। पहली साइट पर लोहिया पथ, लेखराज बादशाह नगर और मुंशी पुलिया जाने वाली सड़क है। जबकि दूसरे साइड पर हाईकोर्ट और मुंशी पुलिया जाने वाली रोड है।

बंद ओवर ब्रिज और मेट्रो ने बढ़ाई मुसीबत

पॉलीटेक्निक चौराहे पर हाईकोर्ट की तरफ से आए ओवर ब्रिज के बंद होने से मुसीबत बढ़ गई है। इसमें मेट्रो निर्माण कार्य ने और भी इजाफा कर दिया है। ओवर ब्रिज से जाने वाले ट्रैफिक को सर्विस रोड से निकाला जा रहा है। जिससे यहां ट्रैफिक लोड बढ़ गया है। दूसरी तरफ लेखराज की तरफ मेट्रो निर्माण के चलते भी पॉलीटेक्निक चौराहे पर ट्रैफिक प्रेशर बढ़ा है।

अतिक्रमण और वाहन स्टैंड

पॉलीटेक्निक चौराहे के चारो तरफ अतिक्रमण है। साथ ही यहां ई रिक्शा और आटो-टैम्पो स्टैंड भी चलाया जा रहा है। यही नहीं रोडवेज बस का भी ओवर ब्रिज के नीचे अस्थाई स्टैंड बना दिया गया है। स्टापेज और सवारियों को बैठाने और उतारने के लिए यहां दिन भर बसें खड़ी रहती हैं, जिससे हमेशा यहां जाम की स्थिति बनी रहती है।