RANCHI : दों जिलों की पुलिस से छिपकर राजधानी से होकर अफीम बेचने जा रहे तीन तस्करों को राजधानी के रातू थाना पुलिस ने दबोच लिया। पकड़े गए लोगों में खूंटी के लोचा हांसदा, कुडू लोहरदगा के विनोद उरांव तथा गुमला सिसई के जगजीवन सिंह को गिरफ्तार किया है। इनलोगों के पास से पुलिस ने पांच किलोग्राम अफीम जब्त किया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत लगभग 25 लाख बताई जा रही है। रातू थाना पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

मिली थी गुप्त सूचना

एसएसपी कुलदीप द्विवेदी को गुप्त सूचना मिली कि चाईबासा से कुछ अफीम तस्कर राजधानी में अफीम बेचने आए हैं। सूचना पर एसएसपी ने राजधानी के थानों को अलर्ट किया, पर अफीम तस्कर पुलिस को चकमा देकर भाग गए। इसी बीच रातू थानेदार अमोद नारायण सिंह को सूचना मिली और तीनों को उस समय पकड़ा, जब तीन आमटांड़ में थे। पूछताछ में इनलोगों ने बताया कि उक्त अफीम को वे लोग चाईबासा के बंदगांव इलाके से ला रहे थे।

नक्सलियों के संरक्षण में चलता है धंधा

पुलिस का दावा है कि इस खेती को माओवादियों के संरक्षण में अंजाम दिया जा रहा है। मनोहरपुर प्रखंड के अलावा बंदगांव प्रखंड में नक्सली किसानों को अफीम की खेती के लिए आदेश देते हैं। जब फसल तैयार हो जाती है तो उक्त अफीम को बेच कर पैसे लाने की भी सलाह देते हैं। ताकि, नक्सलनी पुलिस गिरफ्त से बच सके।

पांच करोड़ तक की प्रोटेक्शन लेते हैं नक्सली

पुलिस का मानना है कि 10 एकड़ में अफीम की खेती को संरक्षण देने के एवज में माओवादी पांच करोड़ रु। तक की प्रोटेक्शन मनी लेते हैं। मुख्यालय डीएसपी टू विजय कुमार के मुताबिक, यह उनके लिए धन एकत्र करने का सबसे बड़ा साधन है। माओवादियों के संबंध ड्रग माफिया से हैं।