संगम घाट के किनारे सुबह हुई घटना, देर शाम तक तीनो का पता नहीं

तीनो क्लोज फ्रेंड थे, साथ पहुंचे थे गंगा तट पर, गोताखोर पूरे दिन लगे रहे, नहीं चला पता

ALLAHABAD: एक दोस्त डूबने लगा तो बाकी दो उसे बचाने की जुगत में लग गए। पानी का बहाव तेज होने और तैरना न आने के बाद भी उन्होंने जान दांव पर लगा दी। नतीजा हुआ कि तीनों पानी की धारा के साथ बह गए। संगम तट पर शुक्रवार की सुबह हुई घटना के प्रत्यक्षदर्शी यह सीन देखकर सन्नाटे में थे। पब्लिक के शोर मचाने पर जल पुलिस और गोताखोर एक्टिव हो गए लेकिन देर शाम तक तीनो का कुछ पता नहीं चला। इसमें से एक के लिए गुरुवार को तीज का व्रत रखने वाली महिला को जानकारी हुई तो वह बेहोश हो गई। संगम तट पहुंचे परिवार के सदस्य पूरे दिन घाट किनारे बैठे रहे।

एक दिन पहले बन चुका था प्रोग्राम

कीडगंज थाना क्षेत्र के इंद्रपुरी कॉलोनी मोहल्ले का रहने वाले सुमित सिंह उर्फ सचिन ने घर से कुछ दूरी पर मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान खोल रखी है। तीन साल पहले उसकी शादी हुई थी। उसका दो साल का एक बच्चा भी है। मोहल्ले का रहने वाला विकास ंिसंह मुम्बई में अपने एक रिश्तेदार के यहां रहकर बालीवुड इंडस्ट्री में नौकरी करता है। रक्षाबंधन के मौके पर वह घर आया था। तीसरा शशांक कुमार यादव प्रतापगढ़ के बाघराय एरिया में स्थित महाविद्यालय का बीए प्रथम वर्ष का छात्र था। वह जार्जटाउन में रहता है। तीनों में गहरी दोस्ती थी। गुरुवार को तीनों ने संगम स्नान का प्लान बनाया था। गणेश चतुर्थी के चलते संगम पर सुबह काफी भीड़ भी होने वाली थी। प्लान के मुताबिक भोर में ही तीनो स्कूटी और बाइक से संगम पहुंच गए।

शशांक को बचाने में दो डूबे

सचिन, विकास व शशांक तीनों करीब छह बजे संगम तट पहुंचे थे। इस वक्त संगम पर ज्यादा भीड़ नहीं थी। जल पुलिस के लोग भी यहां से नदारत थे। उस वक्त सिर्फ दो से तीन महिलाएं पूजा समाग्री की दुकान खोल कर बैठी थी। तीनों संगम नदी में उतरे। नदी के किनारे के एरिया में पानी कम था तो तीनो ने खूब मस्ती भी की। मस्ती के दौरान वह गहराई की ओर कब बढ़ चले पता ही नहीं चला। शशांक, दोनो साथियों के मना करने के बाद भी जल पुलिस द्वारा लगाई गई रस्सी को लांघ गया। यहां पानी बहाव तेज था तो वह डूबने लगा। यह देखकर सचिन व विकास की मदद के लिए आगे बढ़े। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार उन्होंने शशांक का हाथ तो पकड़ लिया लेकिन तेज बहाव के चलते खुद को नहीं संभाल पाए और धारा के साथ बहते चले गए। उनकी मदद की आवाज सुनकर आसपास मौजूद लोग व तीर्थ पुरोहितों ने सौ नम्बर पर कंट्रोल रुम को सूचना दी। जब तक जल पुलिस और थाने की पुलिस घटना स्थल पर पहुंचती, काफी देर चुकी थी। तीनों गहरे पानी में समा चुके थे।

बाइक और कागजात से हुई पहचान

घटना की जानकारी मिलते ही दारागंज पुलिस मौके पर पहुंच गई। आस पास खड़ी बाइक के मालिकों की जानकारी ली। इसी बीच पुलिस को दूर खड़ी एक बाइक व स्कूटी दिखी। उस पर कपड़े, मोबाइल, पर्स मिले। पुलिस ने पैंट में रखे पर्स को निकाला तो उसमें तीनों के घर का पता और मोबाइल नम्बर मिल गया। पुलिस फौरन हादसे की जानकारी युवकों के परिजनों को दी। इसकी जानकारी परिवार के लोगों को मिलते ही कोहराम मच गया। सभी के घरों में रोना पिटना मच गया और परिवार और रिश्तेदार सभी संगम पहुंच गए। दारागंज पुलिस ने आनन-फानन में जल पुलिस के साथ ही 4 वीं बटालियन पीएससी के जवानों समेत गोताखोरों को मदद के लिए बुलाया। आठ-आठ की शिफ्ट में गोताखोर, जल पुलिस और पीएससी के जवान तीनों युवकों की तलाश में जाल डालकर ढूंढते रहें लेकिन तीनों में से किसी एक भी कुछ पता नहीं चल सका।

तीन दिन पहले डूबे थे दो छात्र

धूमनगंज थाना क्षेत्र के बेगमसराय गंगा घाट 21 अगस्त को आफताब अहमद व नायाब स्नान को गए थे। गंगा नदी का तेज बहाव होने के कारण दोनों डूब गए। आज तक दोनों का कुछ पता नहीं चला। पुलिस ने दोनों युवकों की तलाश में आस पास के जिलों की पुलिस को सूचित किया है।

बाक्स में

डूब चुके है तीन स्कूली छात्र

स्कूल बंक कर अरैल घाट पर नहाने गए बिशप जानसन स्कूल के तीन छात्र भानु प्रताप, शिवेश और रुद्र प्रताप डूब गए। इससे उनकी मौत हो गई। यह हादसा अरैल के करीब सोमेश्वर घाट पर हुआ। बाहर खड़े छात्रों के दो साथी बदहवास हो गए। खबर मिलते ही जल पुलिस, गोताखोर और मल्लाह पानी में कूद पड़े। जब तक उन्हें बाहर निकाला गया, तीनों की मौत हो चुकी थी। यह हादसा सितम्बर 2016 की थी।

तीनों युवक संगम में स्नान के दौरान डूब गए हैं। उनकी तलाश में जल पुलिस के साथ ही पीएससी के जवान व गोतोखोर लगे हैं। परिजनों को सूचना दे दी गई है।

कमलेश सिंह,

इंस्पेक्टर दारागंज