- पुलिस महकमे के तीन पीपीएस को अनिवार्य सेवानिवृत्ति

- वाणिज्य कर विभाग के पांच अफसरों पर भी गिरी गाज

- स्क्रीनिंग के बाद फैसला, आईपीएस स्क्रीनिंग की कमेटी बनी

LUCKNOW:

पचास साल की उम्र पार कर चुके नाकारा अफसरों की सेवा समाप्त करने का सिलसिला जारी है। गुरुवार को राज्य सरकार ने तीन पीपीएस अफसरों समेत आठ अफसरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का फरमान जारी कर दिया। इनमें से पांच वाणिज्य कर विभाग में अहम पदों पर तैनात थे। वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आईपीएस अफसरों की स्क्रीनिंग के लिए कमेटी का गठन कर दिया है। पुलिस महकमे के अराजपत्रित कर्मचारियों की स्क्रीनिंग का ब्योरा भी डीजीपी मुख्यालय को तकरीबन हासिल हो चुका है जिस पर जल्द फैसला लिया जाएगा।

सीधे सेवा समाप्ति का आदेश

गुरुवार को राज्य सरकार ने तीन पीपीएस अफसरों केशकरन सिंह, कमल यादव और श्योराज सिंह यादव की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के तहत सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार की अध्यक्षता में स्क्रीनिंग कमेटी ने तीनों पीपीएस अफसरों की दक्षता और कार्यक्षमता निम्न स्तर की पाई जिसके बाद उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की सीएम योगी आदित्यनाथ से संस्तुति की गयी। ध्यान रहे कि पिछले कई दिनों से सूबे के 434 पीपीएस अफसरों की स्क्रीनिंग की प्रक्रिया जारी थी। वहीं अचानक हटाए गये पीपीएस अफसरों का कहना है कि उन्हें इससे पहले विभाग की ओर से कोई नोटिस भी नहीं दिया गया था। इनमें से दो अफसर समाजवादी पार्टी के करीबी बताए जाते है। स्क्रीनिंग के दौरान एक एएसपी और 41 डिप्टी एसपी की वार्षिक गोपनीयता प्रविष्टियां अपूर्ण मिली। कमेटी ने इस जल्द पूरा कराकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। वहीं नौ डिप्टी एसपी के सेवा अभिलेखों का अध्ययन करने के बाद इनका प्रकरण अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लायक नहीं पाया गया।

वाणिज्य कर के पांच अफसर भी

वहीं दूसरी ओर वाणिज्य कर विभाग के पांच अफसरों पर भी स्क्रीनिंग की गाज गिर गयी है। पचास साल से ज्यादा उम्र वाले इन अफसरों को विभाग ने अब कामकाज के लायक नहीं पाया है। जिन अफसरों की अनिवार्य सेवानिवृत्ति का आदेश जारी किया गया है उनमें एडिशनल कमिश्नर ग्रेड टू केशव लाल, ज्वाइंट कमिश्नर डॉ। अनिल कुमार अग्रवाल, ज्वाइंट कमिश्नर हरीराम चौरसिया, डिप्टी कमिश्नर कौशलेश और असिस्टेंट कमिश्नर इंद्रजीत यादव शामिल हैं। इनकी भी कार्यदक्षता और दक्षता निम्न स्तर की पाई गयी जिसके बाद स्क्रीनिंग कमेटी ने इन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने की संस्तुति की।

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आईपीएस की स्क्रीनिंग को कमेटी बनी

वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार ने आईपीएस अफसरों की स्क्रीनिंग के लिए कमेटी का गठन कर दिया है। कमेटी की अध्यक्षता मुख्य सचिव राजीव कुमार करेंगे जबकि प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार, डीजीपी सुलखान सिंह और गृह सचिव बतौर सदस्य होंगे। इसके अलावा उत्तराखंड के डीजीपी अनिल रतूड़ी को आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा।