-राप्ती नदी गिरने वाले नालों के पानी को साफ करने के लिए बनेंगे तीन एसटीपी

-नमामि गंगे परियोजना के तहत भेजी गई यह रिपोर्ट

GORAKHPUR: राप्ती नदी में शहर का गंदा पानी अब नहीं जाएगा। नगर निगम के निर्देश पर जल निगम ने राप्तीनदी के किनारे दो एसटीपी बनाने का प्रस्ताव जल निगम ने तैयार किया है और यह प्रस्ताव प्रदेश शासन के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजा गया है। केंद्र सरकार ने दो एसटीपी को नमामि गंगे परियोजना में शामिल भी कर लिया है, जबकि चिलुआताल के एसटीपी को अमृत योजना के तहत शामिल गया है। चिलुआताल के पानी का उपयोग फर्टिलाइजर में किया जाएगा। इसलिए यहां गिरने वाला गंदे पानी को साफ करने फर्टिलाइजर में उपयोग किया जाएगा, जबकि पानी से निकली गंदगी सालिड वेस्ट मैनेजमेंट परियोजना में खाद या बिजली बनाने में उपयोग होगी।

15 नाले गिरते हैं राप्ती नदी में

नगर आयुक्त बीएन सिंह ने बताया कि शहर में 239 छोटे-बड़े नाले हैं। यह नाले एक जगह एकत्रित होकर 21 नालों की मदद से शहर का गंदा पानी बाहर निकालते हैं। इसमें छह नाले रामगढ़ताल में और 15 नाले राप्ती नदी में गिरते हैं, जबकि, तीन नाले चिलुआताल में गिरते हैं। राप्ती नदी में गिरने वाले नाले सामान्य मौसम में सीधे नाले का पानी रास्ते राप्ती नदी में गिरते हैं, जबकि बारिश के मौसम में बाढ़ आने के बाद यह नाला बंद हो जाता है और शहर का पानी पंपिग सेट की मदद से राप्ती नदी में फेंका जाता है। वहीं, झुगियां के किनारे से लेकर विकास नगर, बरगदवां, जंगल नकहा, लच्छीपुर और सोनौली रोड के किनारे के एरिया का पानी सीधे चिलुआताल में चला जाता है। इस ताल का पानी रोहिन नदी में मिलता है और रोहिन राप्ती नदी में मिली जाती है ।

433 करोड़ रुपये से बनना है तीन एसटीपी

राप्ती नदी में गिरने वाले नालों के पानी को साफ करने के लिए दो और चिलुआताल में एक एसटीपी बनाने की येाजना है। जल निगम की तरफ से इसका डीपीआर तैयार किया गया है। इसमें राप्ती नदी के दोनों एसटीपी की लागत 360 करोड़ रुपए है, जबकि चिलुआताल के एसटीपी 73 करोड़ की लागत से चिलुआताल के एसटीपी का प्रस्ताव है। इस एसटीपी का प्रस्ताव अमृत योजना के तहत शासन को भेजा गया है। जल निगम ने पूरे एसटीपी का डीपीआर तैयार किया है। इस योजना में डेली 81 एमएलडी (मिलियन लीटर डेली) पानी साफ करके राप्ती और चिलुआताल में गिराएगा। साथ ही इन तीनों एसटीपी को जोड़ने के लिए 1361 किमी लंबी सीवर पाइप लाइन भी बिछाया जाएगा।

वर्जन

नमामि गंगे परियोजना में शहर के गंदे नालों के लिए सीवरेज और एसटीपी का प्रस्ताव भेजा गया है। इसमें राप्ती नदी के किनारे और चिलुआताल में एसटीपी बनाने का प्रस्ताव है। जल्द ही सर्वे का कार्य शुरू हो जाएगा।

बीएन सिंह, नगर आयुक्त