स्कूल टाइम में अरैल घाट पहुंचे थे बिशप जानसन स्कूल के पांच छात्र

तीन दोस्त साथ उतरे थे नदी में नहाने, साथ मिली बॉडी

ALLAHABAD: स्कूल प्रिमाइस में अक्सर साथ देखे जाते थे। बाहर घूमना-फिरना भी साथ होता था। क्लास बंक करने का मन बना तो एक ने टाइम से स्कूल पहुंच जाने के बाद भी दोनों का बाहर खड़े रहकर वेट किया। नदी में तीनो साथ उतरे। लहरों ने आगोश में लिया तब भी तीनो साथ थे और दुनिया को अलविदा कहा तब भी साथ ही थे। तीनो की बॉडी एक साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंची और अंतिम संस्कार भी एक ही दिन हुआ। सिर्फ घाट बदल गए थे। यह दर्दनाक कहानी बुधवार को सामने आई। तीनों बिशप जानसन स्कूल के छात्र थे। इस घटना ने तीनों परिवारों को गहरा सदमा दिया है।

छोटा भाई अंदर, बड़ा रह गया बाहर

डूबकर जान गंवाने वाले छात्रों का नाम भानु प्रताप सिंह, रूद्र प्रताप सिंह शिवेष था। भानु प्रताप सिंह पुत्र ओम कुमार सिंह ताशकंद मार्ग सिविल लाइंस, शिवेश कुमार मौर्या उर्फ आर्यन पुत्र शरद कुशवाहा चक हरिहर वन झूंसी व रूद्र प्रताप सिंह पुत्र राजीव प्रताप सिंह गंगा नगर राजापुर का रहने वाला था। तीनो सिविल लाइंस स्थित बिशन जानसन स्कूल के क्लास टेंथ के स्टूडेंट थे। बुधवार को शिवेश अपने भाई स्वास्तिक के साथ स्कूल समय से पहुंच गया था। स्कूल गेट पर पहुंचते ही उसके मोबाइल की घंटी बजी तो वह रुक कर बात करने लगा। लेट हो जाने पर गेट बंद हो जाने का खतरा था, यह भांपकर छोटा भाई स्वास्तिक स्कूल के अंदर चला गया। थोड़ी देर में शिवेश अपने साथी रूद्र, भानु पहुंचे। उन्हें दरभंगा कालोनी के रहने वाले जयंत चौधरी व अमन का भी साथ मिल गया। इसके बाद सबने मिलकर अरैल घाट जाने का प्लान बनाया। भानु व रूद्र एक स्कूटी से जबकि अन्य अपनी बाइक सेअरैल घाट पहुंचे। यहां सभी ने अपनी गाड़ी खड़ी की और यमुना नदी में नहाने उतर गए। जयंत व अमन ने नहाने से पहले ही मना कर दिया था।

पुकार सुनकर पहुंचे मल्लाह

नदी में उतरे शिवेश, रूद्र और भानू ने बाहर बैठे दोनों साथियों को नदी में उतरने के लिए कहा। जबरदस्ती करने पर वे दोनों नदी में उतरने के लिए तैयार भी हो गए। लेकिन, तभी उन्होंने तीनो दोस्तों को एक साथ नदी में समाते हुए देखा। इस पर उन्होंने बचाव की गुहार लगानी शुरू कर दी। उनकी चीख-पुकार सुनकर जब तक लोग वहां पहुंचते काफी देर हो चुकी थी। तीनों नदी में समा चुके थे। मल्लाह नदी में उतर गए। सूचना पाकर नैनी व जल पुलिस स्पॉट पर पहुंच गई। जल पुलिस और मल्लाहों ने घंटो कोशिश के बाद तीनों को ढूंढ निकाला। लेकिन, तब तक तीनों की सासें थम चुकी थीं। शव को बाहर निकाले के बाद दोस्तों की मदद से पुलिस ने तीनों के परिवार वालों को घटना के बारे में बताया।

पहले से बना रखा था प्रोग्राम

नैनी पुलिस ने बताया कि दो छात्रों ने पहले से ही स्नान का प्लान बना रखा था। वह स्कूल ड्रेस पहनकर घर से निकले थे और घर के कपड़े उन्होंने अपने बैग में रखे हुए थे। भानु प्रताप सिंह व रूद्र प्रताप सिंह के स्कूल बैग की छानबीन में पुलिस को ये कपड़े मिले। इसकी जानकारी होने पर दोनों के परिवार के सदस्य शाक्ड थे।

काशा खराब न होती कार

शिवेश के मामा संजय ने बताया कि जीजा शरद रोजाना अपने दोनों बच्चों को कार से स्कूल छोड़ने जाते थे। कुछ दिन पहले उनकी कार एक्सीडेंट में डैमेज हो गई तो उन्होंने गैराज में दे दिया। इसी के चलते वह बुधवार को शिवेश व स्वास्तिक को स्कूल छोड़ने नहीं जा सके और मौत की मनहूस सूचना घर तक पहुंच गई।

स्कूल के स्टाफ को थी जानकारी

मृतकों के घर वालों का कहना था कि तीनों के स्कूल बंक करने की स्कूल के सभी स्टाफ को थी। क्योंकि, पुलिस ने उन्हें बच्चों के गंगा में डूबने की सूचना दी तो वे पहले स्कूल गए। ऑफिस के स्टॉफ ने बताया कि 10वीं के पांच छात्र क्लास बंक करके घूमने गए हैं। मृतकों के घर वालों का कहना था कि अगर स्कूल स्टाफ को बच्चों के स्कूल बंक करने की जानकारी को उन्होंने फैमिली से शेयर कर ली होती तो शायद उनकी जान बज जाती।