- वन विभाग की पहुंच से अब भी दूर है बाघ

- कई फिल्मों की चल रही थी शूटिंग, आगे बढ़ाई गई डेट्स

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LUCKNOW: राजधानी और उसके आसपास के जिलों में पिछले एक महीने से आंख मिचौली खेल रहा बाघ कैमरे में तो कैद हुआ लेकिन वन विभाग की पहुंच से वह अब भी दूर है। वहीं इस बाघ के खौफ से कई फिल्मों की शूटिंग रोक दी गयी जब कि कुछ को जनवरी तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया।

बाघ ने रोक दी थी फिल्मों की शूटिंग

वहीं बीकेटी और इटौंजा में चल रही शूटिंग को भी बाघ के खौफ से रोक दिया गया था। बाघ की दहशत से बीकेटी के चंद्रिकादेवी मंदिर के आस पास हो रही फिल्म सन् क्97भ् की शूटिंग एक हफ्ते बाद ही पूरी होने से पहले रोक दी गयी। इस फिल्म में मेन एक्टर प्रवेश राणा और एक्ट्रेस कार्तिका को शूटिंग में हिस्सा लेना था। लेकिन बाघ के खौफ ने लाइट, कैमरा एक्शन का पैक अप एक हफ्ते में ही करा दिया। अब इसकी बाकी शूटिंग मुम्बई में होगी।

इस फिल्म की भी चल रही थी शूटिंग

वहीं सोर्सेज की मानें तो एक और मूवी की शूटिंग यहां चल रही थी। फिल्म का नाम था दम हो तो आ बिहार। इस फिल्म की शूटिंग रूकने के पीछे कारण बाघ को ही माना जा रहा था। शूटिंग रूकने के बाद पूरी यूनिट मुम्बई के लिए रवाना हो गयी थी। हालांकि इस फिल्म की शूटिंग बीकेटी एरिया में ही होगी। बीकेटी में ही फिल्म बैरी कंगना पार्ट टू की शूटिंग इसी माह से शुरू होने वाली थी लेकिन यहां भी बाघ के खौफ से शूटिंग की डेट बढ़ा कर जनवरी कर दी गयी है।

यहां दिखा था बाघ

जानकारी के अनुसार शुक्रवार की शाम छह बजक ख्ख् मिनट पर उन्नाव जिले के सिलौली गांव में घूमते कैमरे में कैद हो गया। लेकिन इसका पता वन विभाग के अधिकारियों को अगले दिन फुटेज देखने के बाद चला।

लखनऊ के माल इलाके में बाघ ने सबसे पहले दस्तक दी थी। उसके बाद से उसने पूरे शहर में दहशत का माहौल पैदा कर दिया था। वहीं लखनऊ के मडि़यांव में भी एक रिहायशी इलाके में अपने शावक के साथ घूमते हुए कैमरे में कैद किया गया था। बाद में इसी बाघ के पद चिन्ह बाराबंकी इलाके में भी मिले थे। लेकिन ताजा मामला उन्नाव का है जहां वन विभाग के ही नाइट विजन कैमरे में कैद हो गया।

गांव वालों को चार दिन पहले मिल गयी थी आहट

सोर्सेज की मानें तो उन्नाव जिले की सदर तहसील के गढ़ी सिलौली गांव में बाघ के होने की संभावना पहले ही जता दी गई थी। गांव में पंजे के निशान पाए जाने पर वाइल्ड लाइफ और वन विभाग की टीम ने बुधवार से ही यहां डेरा डाल रखा था। टीम ने गांव में पिंजरा भी लगा दिया था। बाघ दिखने के बाद एरिया के ग्रामीणों को भी अलर्ट कर दिया गया है। बाघ की दहाड़ भी इलाके के लोगों ने सुनीं थी। इस सूचना पर डीएफओ राजीव मिश्रा ने रेंजर राजेश अवस्थी के नेतृत्व में एक टीम को मौके पर भेजा और बुधवार को टीम ने ग्रामीणों के बताए गए स्थान से करीब छह किलोमीटर के दायरे में कांबिंग की थी। मगर टीम को कोई बाघ या उसके जैसा कोई जानवर नहीं मिला।