- बाघ के एक जगह ठहरने के इंतजाम में जुटी वन विभाग की टीम

- जिस इलाके में है बाघ वहां पर विभिन्न जगहों पर बांधे गए हैं पड़वे

- कनवापुर इलाके में बाघ बना सकता है टेरेटरी

LUCKNOW: वन विभाग की टीम मना रही है कि किसी तरह से बाघ जहां है, वहीं पर ठहर जाए। इसके लिए वन विभाग की टीम तमाम इंतजाम भी करने में जुटी है। जहां बाघ की लोकेशन ट्रेस हुई है, उस इलाके में बाघ के भोजन के लिए जगह-जगह पड़वे बांधे गए हैं तो उस इलाके में लोगों का आना-जाना प्रतिबंधित कर दिया है। जिससे बाघ यहां पर अपनी टेरेटरी बना सके और रुक सके। इसके बाद ही कॉम्बिंग में सफलता मिल सकती है।

सुबह से शुरू हो गई कॉम्बिंग

वन विभाग की टीम ने थर्सडे को टाइगर की खोज अभियान जारी रखा। कनवापुर इलाके में सुबह से ही कॉम्बिंग शुरू हो गई। वन विभाग की टीम ने हाथी और लाव लश्कर के बाघ की तलाश रोज की तरह शुरू की। लेकिन शाम तक सिर्फ बाघ के पग मा‌र्क्स ही मिल सके। विभागीय अधिकारियों की मानें तो यह इलाका कानपुर और लखनऊ के मध्य में पड़ता है। साथ ही यह क्षेत्र पानी के किनारे है। एक अधिकारी ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि इससे पहले गोपरामऊ इलाके में बाघ को रोके जाने के लिए तमाम कोशिशें की गई थी।

उम्मीदों पर पानी फेर दिया

लेकिन बाघ ने यहां पर उम्मीदों पर पानी फेर दिया। यहां से बाघ के निकलने की मेन वजह यह थी कि यह इलाका बाघ की टेरेटरी के लिए छोटा था। लेकिन कनवापुर इलाका बाघ की टेरेटरी के लिए पर्याप्त जगह है। ऐसे में यहां पर उसे रोका जा सकता है। इसी के चलते यहां पर उसके रुकने के तमाम इंतजाम किए जा रहे हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार जिस क्षेत्र में बाघ है, वहां पर लोगों का दखल बंद हो जाएगा तो वह एक जगह पर टिक सकता है। बाद में वन विभाग की टीम वहां पर जाकर बाघ को ट्रंक्यूलाइज कर सकती है।

बाघ को एक जगह ठहराने के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं। इसके साथ ही कॉम्बिंग भी चल रही है। आज सिर्फ पगमा‌र्क्स ही मिले हैं।

- राजीव मिश्रा

क्षेत्रीय वनधिकारी

उन्नाव

जो बाघ अपने लिए बनाता है

वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार टेरेटरी वह इलाका होता है, जो बाघ अपने रहने के लिए बनाता है। वह एक निश्चित दूरी के अंदर ऐसे निशान लगाता है। इससे अन्य जानवरों को एहसास होता है कि आगे टाइगर मौजूद है। यह जंगल का नियम है। टाइगर मां से ढाई से तीन साल की उम्र में अलग होता है और उसके बाद अपनी टेरेटरी बनाता है।