JAMSHEDPUR: सोनारी थाना क्षेत्र मेरीन ड्राइव सिदो-कान्हू बस्ती निवासी झाविमो नेता तिलो सरदार की हत्या में दो अभियुक्तों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। एडीजे-13 प्रभाकर सिंह के न्यायालय ने पिंटू प्रमाणिक और रमेश प्रमाणिक को आजीवन कारावास के साथ ही 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया है। न्यायालय ने दोनों को आ‌र्म्स एक्ट मामले में भी दोषी पाते हुए तीन वर्ष की सजा और 2 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया। दोनों अभियुक्त भाई हैं। सहायक लोक अभियोजन श्याम महतो ने न्यायालय में अपना पक्ष रखा। बुधवार को न्यायालय ने दोनों को हत्या में दोषी करार दिया था जबकि एक अन्य आरोपित करमू प्रमाणिक को साक्ष्य अभाव में बरी कर दिया था।

अपराधियों ने मारी थी गोली

तिलो सरदार को 7 नवंबर, 2012 को अपराधियों ने गोली मार दी थी। टीएमएच में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। हत्या में 12 लोगों की गवाही न्यायालय में हुई थी। तिलो सरदार ने लोकसभा का भी चुनाव लड़ा था। वह झामुमो छोड़ झाविमो में शामिल हुआ था। पुरानी रंजिश में उसकी हत्या कर दी गई थी। रमेश प्रमाणिक के भाई आशीष प्रमाणिक की हत्या हो गई थी। इसी मामले में तिलो सरदार आरोपित था। आशीष प्रमाणिक की हत्या का बदला लेने को तिलो सरदार की हत्या कर दी गई थी। तिलो सरदार ने मौत के पूर्व पुलिस को दिए गए बयान में पुलिस को कहा था कि पिंटू प्रमाणिक और रमेश प्रमाणिक ने उसे गोली मारी है। मालूम हो कि तिलो सरदार का पुत्र समीर सरदार भी कई आपराधिक मामलों का आरोपित है। तिलो सरदार ने टीएमएच में मौत के पूर्व पुलिस को दिए गए बयान में कहा था कि बाइक सवार पिंटू प्रमाणिक और रमेश प्रमाणिक ने उसे गोली मारी है। उसके इसी बयान से आरोपितों को हत्या में सजा मिलने का आधार बना।

पति के हत्यारे को हो फांसी

तिलो सरदार की हत्या के अभियुक्तों को सजा सुनाए जाने के दौरान उसकी पत्‍‌नी सुनीता सरदार भी न्यायालय में उपस्थित थी। आरोपितों को उम्रकैद की सजा पर प्रतिक्रिया में सुनीता सरदार ने कहा कि न्यायालय का जो फैसला आया है वह उसका सम्मान करती है। भरोसा था न्याय मिलेगा और मिला भी। चाहत थी कि अभियुक्तों को फांसी की सजा मिले। पति की हत्या से पूरा परिवार बर्बाद हो गया।