छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : टीएमएल ड्राइवलाइंस लिमिटेड कंपनी (एचवी एक्सल, ट्रांसमिशन व फोर्ज यूनिट) का फिर से टाटा मोटर्स में विलय होना तय है। इस पर कंपनी के निदेशक मंडल से भी मुहर लग चुकी है। भारत सरकार द्वारा वस्तु-सेवा कर (जीएसटी) बिल लागू करने की घोषणा के साथ ही कंपनी इस पर निर्णय ले चुकी है। फिलहाल कंपनी प्रबंधन इस पर कुछ भी बोलने से परहेज कर रहा है, लेकिन उसका कहना है कि कंपनियों के विलय से मुनाफा होना तो तय है। जीएसटी लागू होने पर कंपनी को कर में काफी बचत होगी।

शुरू है विलय की प्रक्रिया

जानकारी के मुताबिक इस विलय की प्रक्रिया शुरू है। टाटा मोटर्स व टीएमएल में अस्थायी कर्मियों के गेटपास जो अलग-अलग थे, उसे एक कर दिया गया है। अब स्थायी कर्मियों के गेटपास भी एक जैसे हो जाएंगे। जीएसटी अप्रैल-2017 से प्रभावी होगा। उससे पूर्व नवंबर तक कंपनी के विलय की प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य है। विलय के बाद कंपनी को करोड़ों की बचत होने की बात कही जा रही है।

यूनियनें होगी एक, मचेगा घमासान

कंपनियों के विलय के बाद टेल्को व टीएमएल ड्राइवलाइंस यूनियनें एक हो जाएंगी। इससे कंपनियों के विलय में तो परेशानी नहीं है, लेकिन यूनियन नेताओं के बीच सामंजस्य को लेकर घमासान होना तय है। यूनियनों के पदाधिकारी कंपनियों के विलय के बाद भी अपनी-अपनी कुर्सी पर ही रहना चाहेंगे, जिससे घमासान मच सकता है।