फैसले का था बेसब्री से इंतजार
फैसले को लेकर सिटी के हर गली-नुक्कड़ पर  फ्राइडे की सुबह से लोग बातें कर रहे थे। हर किसी को बस इंतजार था कि आखिर क्या होगा फैसला। फैसला आने के वक्त दोपहर 2:30 बजे तो लोगों की आंखें टीवी सेट से जैसे चिपक सी गईं। सिटी के तमाम टी स्टाल्स, इलेक्ट्रानिक शॉप्स और दूसरे पब्लिक प्लेसेज में लगे टीवी सेट्स के पास लगे लोगोंं के हुजूम को देखकर पता चल रहा था कि इस फैसले को लेकर लोगों में कितनी बेसब्री थी। सिटी के तमाम लोगों को मानना है साकेत कोर्ट द्वारा दिया गया फैसला सबसे उपयुक्त है।

'हमारा लॉ सिस्टम ऐसा है कि भले 100 गुनहगार छूट जाएं पर एक निर्दोष को सजा न मिले। कोर्ट ने सही फैसला दिया.'
-ऊषा शुक्ला, प्रिंसिपल ग्रेजुएट कॉलेज

'कोर्ट द्वारा वक्त लगना लालमी था। उसे भी फैसला देने से पहले केस के सभी पहलुओं पर गौर करना पड़ता है.'
-रूंकी वर्मा, डिप्टी मैनेजर, निक्को पार्क

'ये केस रेयरेस्ट ऑफ द रेयर की कैटेगरी में था। इस केस से पूरे देश के लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई थीं.'
-हामिद रजा खान, एडवोकेट

'कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। इस मामले में मानवता की हत्या हुई थी। इसलिए दोषियों के लिए फांसी की उपयुक्त है। इस तरह के हर मामले में ऐसी ही तत्परता दिखाई जानी चाहिए.'
-अभय सिंह, सोशल वर्कर

'ऐसे केसेज में तो फैसला सबके लिए सेम होना चाहिए फिर चाहे वो जुवेनाइल हो या एडल्ट.'
-अंजली बोस, सोशल वर्कर

'इस फैसले के बाद से सोसाइटी में निश्चित तौर पर लड़कियों की हिम्मत कुछ बढ़ी होगी और क्रिमिनल्स के मन में डर समाएगा.'
-संगीता झा, एडवोकेट

'कोर्ट द्वारा दिया गया फैसला बिल्कुल सही है। रेप के दोषियों को तो फांसी की ही सजा मिलनी चाहिए। उनके लिए तो मौत से कम कुछ हो ही नहीं सकता.'
-डीके घोष, सोशल वर्कर

'ऐसे दोषियों को चौराहे पर लाकर खुलेआम गोली मार देनी चाहिए, लेकिन हमारा संविधान इसकी इजाजत नहीं देता। फिलहाल कोर्ट ने काफी अच्छा फैसला सुनाया.'
-चांद हुसैन, यूथ पॉलीटिशियन

'इस फैसले से कम से कम रेप या ईव-टीजिंग जैसी घिनौनी हरकत करने वालों के मन में कुछ डर कौंधेगा.'
-हलीम, बिजनेस मैन

'मुझे तो लगने लगा था कि इंसाफ जैसी कोई चीज ही इस समाज में नहीं बची, लेकिन इस फैसले ने मेरी सोच बदल दी.'
-हैप्पी, प्रोफेशनल

'इस फैसले को तो काफी पहले ही आ जाना चाहिए था। खैर देर आए लेकिन दुरुस्त आए। कोर्ट द्वारा दिया गया फैसला वाकई काबिले तारीफ है.'
-रवि सिंह, बिजनेसमैन

'भले ही कोर्ट ने वक्त लिया, लेकिन कम से कम निर्भया की आत्मा को इस फैसले से शांति तो मिलेगी। कम से कम अब जल्द कोई दूसरी लडक़ी दरिंदों का शिकार नहीं बनेगी.'
-कुंदन, प्रोफेशनल

Report by: jamshedpur@inext.co.in