पटना/ सहरसा। जमीन के चंद टुकड़ों के लिए एक व्यक्ति ने पिता और भाई की हत्या कर दी। साथ ही भतीजे और मृत छोटे भाई की पत्नी को भी गोली मारकर जख्मी कर दिया। मामला सलखुआ थाना क्षेत्र के सितुआहा पंचायत के डीह टोला का है। यहां रविवार की सुबह भूमि विवाद को लेकर भाई ने सुप्तावस्था में पिता, छोटे भाई और उसकी पत्नी और बेटा को गोली मार दी। जिसमें पिता और भाई की मौत घटनास्थल पर ही हो गई। गंभीर रूप से जख्मी छोटे भाई की पत्नी और भतीजे को सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। भतीजे को सदर अस्पताल से रेफर किया गया है। उसका इलाज निजी क्लीनिक में चल रहा है। घटना की सूचना पर सलखुआ थानाध्यक्ष तरूण कुमार तरूणेश ने घटनास्थल से छह खाली कारतूस बरामद किया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सहरसा भेजा गया है। वहीं घटना के बाद से आरोपित फरार है।


तीन बीघा जमीन को लेकर कलह

सितुआहा डीह टोला निवासी हरदेव यादव(80) ने अपने छोटे बेटे अशोक यादव को तीन बीघा जमीन और घर लिख दिया था। इसे लेकर आए दिन आरोपित विनोद यादव उर्फ मंटू अपने पिता और भाई से झगड़ता रहता था। ग्रामीणों के अनुसार विवाद को सुलझाने के लिए कई बार पंचायत भी बैठी। लेकिन हरदेव यादव किसी की बात मानने को तैयार नहीं थे। पिता केइस रवैये से विनोद यादव काफी नाराज रहता था। रविवार की अल सुबह बात खून खराबे पर आ गयी। रविवार की सुबह करीब ढाई बजे बिजली गुल हो गई। गर्मी लगने की वजह से अशोक यादव अपनी पत्नी चंदन देवी के साथ छत पर सोने चला गया। उनके पुत्र बिट्टू और हरदेव यादव घर के बरामदे पर सो रहे थे। तभी विनोद यादव उर्फ मंटू ने पहले छत पर सो रहे अशोक यादव के सिर में गोली मारी और बगल में सो रही उसकी पत्नी को भी गोली मार दी। जिसमें अशोक की घटनास्थल पर ही मौत हो गई और उसकी पत्नी गंभीर रूप से जख्मी हो गई। इसके बाद उसने घर के बरामदे पर सो रहे पिता हरदेव यादव पर प्रहार किया। भागने के दौरान बरामदे पर ही सो रहे भतीजे के सीने में भी गोली मार दी। पिता हरदेव यादव की घटनास्थल पर ही मौत हो गई और भतीजा गंभीर रूप से जख्मी हो गया। घटना की सूचना पर पहुंचे थानाध्यक्ष ने दोनों घायलों को इलाज लिए सलखुआ पीएचसी में भर्ती कराया। जहां से बेहतर इलाज के लिए सहरसा सदर अस्पताल रेफर किया गया।

 

मामला भूमि विवाद से जुड़ा है। दोनों शवों का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए सहरसा भेज दिया गया है। आरोपित फरार है। गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है।

-तरुण कुमार तरुणेश, थानाध्यक्ष, सलखुआ