जगह-ओल्ड डायरेक्टर ऑफिस के पीछे
टाइम-दोपहर के 2 बजकर 40 मिनट
हर कोई सीएम के न आने की चर्चा कर रहा था। अधिकारियों के चेहरे पर खुशी थी तो पार्टी के नेता मायूस। कोई पास में लगे स्टॉल पर चाय की चुस्कियां ले रहा था तो कोई नाश्ते करने में बिजी था। इस सबके बीच अचानक रिपोर्टर की नजर किनारे लगे टेंट पर गई। पानी से टेंट पूरी तरह भीग गया था। उसके सहारे खड़े लोग आगे आ रहे थे कि तभी रिपोर्टर उनकी ओर बढ़ा। आगे पहुंचने पर दिखा कि एक कोने पर सामान का ढेर लगा था। ढेर देखकर रिपोर्टर वहां पहुंचा तो देखा कि एक पॉलिथीन के नीचे जू से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज रखे थे। पानी बरसने की वजह से सब पूरी तरह भीग गए थे। पर किसी की नजर उस ओर नहीं गई।

बुक्स पड़ी थीं जमीन पर
आपको जानकर हैरानी होगी कि जू को मिली बेशकीमती बुक्स बाहर जमीन पर पड़ी थीं। और जब बारिश हुई तो इनको क्या हाल हुआ होगा? ये बताने की जरूरत नहीं है। वहीं पास में खड़े एक कर्मचारी ने नाम न छापने की रिक्वेस्ट पर बताया कि ऑफिस को चमकाना था इस वजह से सब सामान बाहर कर दिया गया। साहब लोग सोच रहे थे कि बारिश नहीं होगी। क्योंकि कुछ लोगों ने मना किया था कि इन पेपर्स को बाहर न रखा जाए। क्योंकि इसमें कई पेपर्स अतिमहत्वपूर्ण हैं। पर किसी ने नहीं सुनी। अब हर चीज पर पानी फिर गया। अब समझ में आएगा कि उन लोगों ने क्या किया? कई बुक्स तो ऐसी हैं जिनको दशकों से बचाए रखा गया था।

अब क्या होगा?
जू इम्पलाई ने बताया कि लाखों रुपए का फर्नीचर भी पानी में भीगने के लिए बाहर रख दिया गया। उसके मुताबिक मना करने के बाद भी आखिर किसी ने नहीं सुनी और अब हश्र आपके सामने है। सबसे हैरान करने वाली जो जानकारी उसने दी उसके मुताबिक कई ऐसे पेपर्स भी पानी में भीग गए जोकि जू के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। पर अब तो सब पानी में मिल गया है। इतना बताने के बाद वो बोला, अब क्या होगा? ये तो साहब ही जानें।

इनको किसी की नहीं परवाह
सीएम के दौरे की वजह से जू में ऑफिसर्स का जमघट लगा रहा। पर सबसे खास बात ये है कि सीएम के आगे किसी को जू के जानवरों का बिल्कुल ख्याल नहीं आया। पत्रकारों और जू आने वाले लोगों की गाडिय़ों को तो अंदर एंट्री नहीं दी गई। पर ऑफिसर्स की गाडिय़ों ने जमकर धमाचौकड़ी मचाई। गाडिय़ों से निकलने वाले जहरीले धुएं ने जमकर पॉल्यूशन किया। ये सबकुछ तब हुआ जबकि एक दिन पहले गुड्डू की मौत हुई थी। अब ऐसे में क्या उनको इतनी परवाह नहीं रही कि ये क्या कर रहे हैं।

खूब बजाया हूटर
ये तो छोडि़ए ऑफिसर्स की गाडिय़ों को चला रहे उनके मातहतों ने जमकर शोर किया। एक तो जाड़े का प्रकोप ऊपर से हूटर्स का शोर। बेचारे जानवर ऐसे सहमे कि कई घंटे तक बाहर ही नहीं निकले। ज्यादातर बाड़े में जानवर दुबके हुए दिखे। भालू के बाड़े के बाहर से एक गाड़ी हूटर बजाते हुए निकली तो वो अपनी गुफा में चला गया। कुछ ऐसा ही हाल हिरनों का रहा। अब सवाल ये है कि क्या इनको इतना भी नहीं पता था कि जू में हूटर बजाना नियम के विरुद्ध है।

क्या कहता है नियम?
नेशनल जू पॉलिसी के मुताबिक जू प्रिमाइसिस में हूटर या किसी तरह का ध्वनि विस्तारक यंत्र बजाना गलत है। इसके अलावा जू में किसी तरह का पॉल्यूशन फैलाने वाले पर जुर्माने का प्रावधान है। जू में ऐसे कोई भी काम जिससे जानवरों को नुकसान पहुंचे, करना गलत है। इसके अलावा जू में पॉलिथीन ले जाने पर भी प्रतिबंध है।

फोन कर दिया बंद
इस पूरे मामले में जू के डायरेक्टर के थॉमस से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उनका फोन बंद मिला।