दिसंबर में हुआ था लापता

शीशगढ़ थाना के ढकिया डाम निवासी रेखा ने बताया कि 16 दिसम्बर 2011 को जाफरपुर बिजली पावर हाउस पर काम करने वाले मोहन स्वरूप के साथी कुंवरसेन, सलीम और एक अन्य मोटरसाइकिल पर बल्ली गांव में दावत खाने के बहाने साथ ले गये थे लेकिन उसके बाद उसका पति वापस नहीं आया। काफी ढूंढने के बाद परिजनों ने शीशगढ़ थाना में मोहन की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर सिर्फ कुंवरसेन व एक अन्य आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की लेकिन मोहन का कुछ पता नहीं चला।

कुंए में मिली थी लाश

मोहन के भाई राजीव ने बताया कि 28 मई 2012 को दोपहर शीशगढ़ थाना क्षेत्र अंतर्गत बल्ली में उसके भाई की लाश कुएं में पड़ी मिली। उसका सिर, हाथ व पैर कटा हुआ बोरे में बंद मिला था। लाश के बारे में उस वक्त पता चला जब गांव के बच्चों का खेलते वक्त टायर कुंए में गिर गया था। बच्चों ने लोहे के कुंडे से टायर निकालने की कोशिश की थी लेकिन कुंए में पड़ी साइकिल का कैरियर कुंडे में फंस गया था। उसके बाद बच्चों ने गांव के लोगों को बताया। गांव वालों ने मामले की सूचना पुलिस को दी थी। कुंए से साइकिल निकालने पर मोहन की लाश बोरे में बंद मिली थी. 

अभी तक नहीं हुई गिरफ्तारी

राजीव ने आरोप लगाया कि पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज करने के बाद अभी तक किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। पुलिस  एक आरोपी कुंवरसेन को पकड़कर थाना तो ले गई लेकिन उसे भी छोड़ दिया। राजीव का कहना है कि पुलिस जल्द से जल्द उसके भाई के हत्यारोपियों कुंवरसेन, सलीम, मुनीश व रमेश को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे। गांव के लोगों का कहना है कि अगर रेखा को न्याय नहीं मिला तो वह सड़कों पर उतरेंगे और वरिष्ठ अधिकारियों का घेराव करेंगे।

पीडि़त मिलने आए थे, सीओ बहेड़ी को केस की जांच दी गई है, एक आरोपी को पहले ही अपहरण के मामले में गिरफ्तार किया गया था। कानूनी प्रक्रिया के तहत उचित कार्रवाई की जाएगी।

- संजीव गुप्ता, एसएसपी, बरेली