750 स्कूलों ने सेंटर के लिए डाटा अपलोड किया

24 स्कूलों ने सेंटर न बनाने की बात की

770 स्कूल माध्यमिक शिक्षा परिषद के राजधानी में

16 स्कूल जांच के बाद हुए बाहर

85 स्कूलों के प्रत्यावेदन जांच में सही

- यूपी बोर्ड एग्जाम के लिए स्कूलों का दोबारा होगा निरीक्षण

- डीआईओएस कार्यालय से ही सत्यापित दूरी भरनी होगी

LUCKNOW : यूपी बोर्ड एग्जाम सेंटर निर्धारण प्रक्रिया में स्कूलों का जो डाटा तैयार किया गया, उसमें खेल हो गया है। इसका खुलासा बोर्ड ने किया है। बोर्ड ने शुक्रवार को डीआईओएस ऑफिस की ओर से भेज गए डाटा पर सवाल उठाते हुए सेंटर निर्धारण की प्रक्रिया रोक दी है। इसके बाद डीआईओएस ने दोबारा सभी स्कूलों को जीओ मैपिंग तैयार करने का आदेश दिया है। माना जा रहा है कि यह सारा खेल चहेते स्कूलों को सेंटर बनाने के लिए किया गया है।

विभाग करेगा सत्यापित

स्कूलों द्वारा तैयार की गई जीओ मैपिंग का सत्यापन विभाग करेगा, फिर इसे बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। जो स्कूल विभाग की सत्यापित मैपिंग की जगह अपनी मैपिंग अपलोड करेगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

दर्ज कराई थी आपत्तियां

यूपी बोर्ड सेंटर निर्धारण प्रक्रिया ऑनलाइन करता है। इसके लिए पात्र स्कूलों से ऑनलाइन सूचनाएं मांगी गई थीं। इसमें स्कूलों ने इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर बाकी जानकारी अपलोड की थी। इन्हें जांचने के लिए डीआईओएस स्तर से टीमों का गठन किया गया था। जब टीमों ने स्कूलों का निरीक्षण किया और बोर्ड के सर्वर पर सूचनाएं अपलोड कीं तो कई स्कूलों की सूचनाएं बदल गई। इस रिपोर्ट पर जनपद के करीब दो सौ स्कूलों ने आपत्ति जताई, जिसकी जांच के लिए मंडल स्तर पर टीमें बनाई गई।

85 स्कूलों की आपित्तयां सही

शिक्षा विभाग के सूत्रों का कहना है कि इसमें 85 स्कूलों की आपत्तियां ठीक पाई गई। यानि स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर और मानकों में डीआईओएस की रिपोर्ट पर हुए बदलाव गलत थे। वहीं 16 स्कूलों के दावे जांच के बाद सही नहीं पाए गए।

सेंटर बनने से िकया इंकार

बोर्ड सेंटर बनाने में राजकीय और एडेड स्कूलों को वरीयता दे रहा है। विभाग के सूत्रों का कहना है कि जनपद के एक राजकीय और तीन एडेड स्कूलों ने इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी बताते हुए सेंटर बनने से इंकार कर दिया है।

बाक्स

डीआईओएस के जांच पर सवाल

बोर्ड के सवालों के बाद डीआईओएस स्तर से हुए निरीक्षण सवालों के घेरे में आ गया। क्योंकि उनके स्तर से ही स्कूलों का निरीक्षण कराया गया था। प्रत्यावेदन देने में एक स्कूल ने शपथपत्र भी दिया था।

कोट

स्कूलों ने अपने प्रत्यावेदन और आपत्तियां दर्ज करायी थीं। 100 से अधिक आपत्तियों और प्रत्यावेदन की जांच के लिए टीम बनायी गई। इसके बाद रिपोर्ट भेजी गई। दोबारा से रिपोर्ट की जांच शुरू कर सत्यापित जीओ मैपिंग अपलोड कराया जाएगा।

डॉ। मुकेश कुमार सिंह, डीआईओएस