- तंबाकू पर टैक्स कम होने से बढ़ रही खपत
- 2013 में एक बार हुई थी टैक्स में बढ़ोतरी
- राजस्थान, पंजाब व हिमाचल से कम है यूपी में टैक्स
BAREILLY:
बरेली में तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या पिछले कुछ समय में काफी बढ़ी है। कारण साफ है यूपी में तंबाकू पर टैक्स का कम होना। राजस्थान, बंगाल, बिहार सहित अन्य राज्यों से कही कम तंबाकू पर टैक्स यूपी में है। ऐसे में सिगरेट, गुटखा और पान मसाला की प्राइस कम होने से इन प्रोडक्ट के शौकीन भी काफी है। एक बार यूपी में टैक्स बढ़ाने की कवायद हुई भी थी, लेकिन चुनावी समीकरण को बनाए रखने के लिए दोबारा टैक्स में कमी कर दी गई थी।
सरकारी छूट ने बढ़ाया ग्राहक
बिजनेस से जुड़े लोगों ने बताया कि, किसी भी प्रोडक्ट पर टैक्स का काफी असर देखने को मिलता है। टैक्स के हिसाब से मार्केट अप-डाउन होता है। भारत जैसे देश में लोगों की इकोनॉमी ऐसी है कि, वह सस्ते प्रोडक्ट की तरफ कुछ ज्यादा ही अट्रैक्ट होते है। तंबाकू के प्रति भी कुछ ऐसी ही स्थिति बनी हुई है। यूपी में इन प्रोडक्ट्स पर टैक्स में मिलने वाला छूट भी कस्टमर की संख्या बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभा रहा है।
राजस्थान का आधा टैक्स भी यूपी में नहीं
वर्तमान समय में यूपी में तम्बाकू उत्पादों पर फ्0 परसेंट और बीड़ी पर मात्र क्फ्.भ् परसेंट ही टैक्स लगता है। वहीं राजस्थान में तंबाकू के साथ ही बीड़ी पर भी पर म्भ् परसेंट टैक्स वसूल किया जाता है। वहीं पंजाब और जम्मू-कश्मीर व हिमाचल में भी यूपी से कही अधिक टैक्स गवर्नमेंट तंबाकू पर लेता है।
टोबैको लॉबी के दबाव
ऐसा नहीं है कि, प्रदेश सरकार ने तंबाकू पर टैक्स बढ़ाने की पहल नहीं की थी। प्रदेश सरकार ने जून ख्0क्फ् में तंबाकू पर टैक्स बढ़ाकर भ्0 परसेंट कर दिया था, लेकिन चुनावी समीकरण बनाए रखने व टोबैको लॉबी के दबाव में आकर सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा। लिहाजा, दो महीने के अंदर ही टैक्स को फिर से घटाकर फ्0 परसेंट कर दिया। यही एक कारण है कि, बाकी स्टेट के मुकाबले यूपी में तंबाकू सेवन करने वालों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है।
तंबाकू पर टैक्स
स्टेट - टैक्स
राजस्थान - म्भ् परसेंट
पंजाब - भ्भ् परसेंट
जम्मू कश्मीर, हिमाचल - ब्0 परसेंट
यूपी - फ्0 परसेंट
यूपी जून ख्0क्फ् - भ्0 परसेंट
बिहार - फ्0 परसेंट
बंगाल - फ्0 परसेंट
:बीड़ी-सिगरेट का टैक्स अलग है।
किसी प्रोडक्ट का जनरल सेल है तो, उस प्रोडक्ट पर टैक्स का असर बहुत तेजी के साथ देखने को मिलता है। टैक्स कम होने से किसी भी सामान की डिमांड भी मार्केट में खूब होती है।
दिनेश गोयल, प्रेसीडेंट, चैम्बर ऑफ कॉमर्स