पानी के बढ़ते कारोबार पर नहीं लग पा रही लगाम

आरओ प्लांट, सर्विस सेंटर में नाली में रोजाना बहता है हजारों लीटर पानी

Meerut। शहर में पानी की बर्बादी से भूजल संकट गहराता जा रहा है। हालात यह है कि बीते दस साल में भूजल स्तर 70 फीट तक घट गया है। शहर में अंधाधुंध चल रहे पानी के कारोबार ने भी जल संकट को और बढ़ा दिया है। शहरवासियों को आरओ वॉटर मुहैया कराने के नाम पर शहर में जगह जगह वॉटर प्लांट धड़ल्ले से चल रहे हैं। जिनका रिकॉर्ड न तो नगर निगम के पास है और न ही प्रशासन के पास। आलम यह है कि डार्क जोन में बोरिंग कर धड़ल्ले से जल दोहन चल रहा है।

पांच ब्लॉक में अधिक दोहन

शासन ने जिले के चार ब्लॉक माछरा, खरखौदा, मेरठ व परीक्षतगढ़ को डार्क जोन घोषित किया है, जबकि खरखौदा व रजपुरा ब्लॉक अति दोहन की श्रेणी में है।

धड़ल्ले से चल रहा कारोबार

शहर में बीते 10 सालों में पानी के कारोबार में भी खासी वृद्धि हुई है। हालत यह है कि गली-मोहल्ले तक में चल रहे पानी के प्लांट बिना किसी रोकटोक से जल दोहन कर रहे हैं। चौकाने वाली बात ये है कि पानी के प्लांट का कहीं भी रजिस्ट्रेशन नहीं है। एक कारोबारी की मानें तो शहर में करीब 500 ऐसे प्लांट हैं, जोकि घर व दुकानों पर पानी के कैंपर पहुंचाते हैं। जल संकट को इस स्थिति से समझा जा सकता है कि 10 साल पहले जहां 110 से 120 फीट पर बोरिंग होती थी, अब वहीं जल स्तर 180 से 190 फीट है।

यहां धड़ल्ले से चल रहा दोहन

सर्विस सेंटर पर रोजाना वाहनों के धोने के लिए हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह जाता है, जिन पर किसी प्रकार का अंकुश नहीं है।

पानी के प्लांट भी बिना किसी रजिस्ट्रेशन के धड़ल्ले से चल रहे हैं। इनका भी कहीं रजिस्ट्रेशन नहीं है।

बिल्डिंग मैटीरियल दुकान संचालक भी धूल न उड़े इसलिए हजारों लीटर पानी व्यय करते हैं।

स्वीमिंग पुल, मीट प्लांट, डेयरियों पर भी पानी का दोहन जमकर होता है।

पानी का दोहन हर जगह होता है। अब पानी को खरीदना पड़ता है। इसका मुख्य कारण है कि निगम द्वारा जो सप्लाई आती है उसका पानी स्वच्छ नही आता है।

सोनित शर्मा

पानी को बचाने के लिए कोई प्रयास नहीं करता है। खुद हम भी पानी बचाने के लिए कुछ नहीं करते, लेकिन पानी का दोहन पर रोक लगनी चाहिए। पानी का दोहन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

शैलेंद्र चौहान

पानी बचाने के लिए कदम तो उठाने चाहिए। पानी का स्तर दिन ब दिन गिरता ही जा रहा है। पहले हमें याद है कि जब 50 फीट पर ही पानी आ जाता था, लेकिन अब 150 से अधिक फीट पर बोरिंग करने पर पानी आता है।

विवेक त्यागी

पानी के दोहन का मुख्य कारण है सुविधाओं का अधिक होना है। पहले केवल हैंडपंप हुआ करते थे। लेकिन अब मोटर, सबमर्सिबल आ गया है। जितने पानी की आवश्यता है उससे कहीं अधिक पानी नाली में बह जाता है। इस पर रोक तो जरूर लगनी चाहिए।

सचिन देव