होलिका दहन का सर्वश्रेष्ठ काल शाम 7.45 से लेकर 7.56 बजे तक

ALLAHABAD: रंगों का त्योहार होली 13 मार्च को मनाया जाएगा लेकिन होलिका दहन के लिए इस बार महज 11 मिनट का समय ही सर्वश्रेष्ठ काल होगा। ज्योतिषाचार्यो की मानें तो 12 मार्च को शाम 7.45 से लेकर 7.56 बजे तक का जो समय होलिका दहन के लिए सर्वश्रेष्ठ है उसे त्रिमुहूर्त काल माना गया है। ज्योतिषाचार्य पं। दिवाकर त्रिपाठी पूर्वाचली ने बताया कि त्रिमुहूर्त में होलिका दहन होने की वजह से देश, जनमानस और विकास की दिशा में तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था को और अधिक गति मिलेगी। उन्होंने बताया कि शनिवार को शाम छह बजे के बाद भद्रा आरंभ हो गई थी। जो 12 मार्च को शाम 6.01 बजे समाप्त हो जाएगी।

ज्योतिषाचार्य पं। विद्याकांत पांडेय ने बताया कि होलिका दहन हमेशा से सूर्यास्त के बाद ही किया जाता है लेकिन सूर्यास्त के बाद शाम 7.45 बजे तक मृत्यु बाण का योग बना हुआ है। इसलिए उस समय होलिका दहन या कोई शुभ कार्य नहीं किया जाना चाहिए। इसके बाद शाम 7.56 बजे तक पूर्णिमा का मान रहेगा। उस समय तक होलिका दहन का मुहूर्त रहेगा।