महुआ सीट
पहली है महुआ सीट। इस सीट से तेज प्रताप यादव (राजद), रवींद्र राय (हम), जागेश्वर राम (जअपा) सरीखे उम्मीदवार खड़े हुए हैं। यहां पर वैशाली के महुआ विस सीट से राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव का असल मुकाबला रवींद्र राय से है। ये वही रवींद्र राय हैं, जो बीते चुनाव में जदयू के टिकट पर राजद को हराकर जीते थे। उसी दौर के राजद प्रत्याशी जागेश्वर राय भी आज लालू से नाराज होकर इस बार जन अधिकार पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। ऐसे में इनको मिलाकर इस बार महुआ विस सीट से कुल 28 दलीय-निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में हैं।

राघोपुर सीट
दूसरी है राधोपुर सीट। इस सीट से तेजस्वी यादव (राजद), सतीश कुमार यादव (भाजपा), राकेश रौशन (जअपा) जैसे उम्मींदवार आमने-सामने हैं। यह सीट राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के छोटे बेटे तेजस्वी को लेकर ही हॉट सीट में तब्दील हो चुकी है। तेजस्वी को राजद सुप्रीमो के उत्तराधिकारी के रूप में भी देखा जा रहा है। बड़ी बात ये है कि इस सीट के लिए खुद लालू प्रसाद यादव ने चुनावी कमान संभाली हुई है। इस क्षेत्र में कुल 20 प्रत्याशी चुनाव मैदान में नजर आ रहे हैं।

मोकामा
तीसरी है मोकामा सीट। इस चुनाव के दौरान इस सीट को भी काफी अहमियत दी गई है। यहां से अनंत सिंह (निर्दलीय), नीरज कुमार (जदयू), कन्हैया सिंह (लोजपा), ललन सिंह (जनाधिकार पार्टी) उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए हैं। इस सीट को बाहुबली अनंत सिंह के कारण हॉट सीट माना जा रहा है। इस सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई है। दरअसल जनाधिकार पार्टी के ललन सिंह, बसपा के रामकृष्ण व सीपीआई के राजू प्रसाद भी चुनाव मैदान में हैं। वहीं ये भी बताया गया है कि मोकामा विधानसभा क्षेत्र अनंत सिंह की दबंग छवि को लेकर अक्सर चर्चा में रहा है। जदयू के विधान पार्षद नीरज कुमार को उम्मीदवार बनाया गया है। एनडीए कोटे से लोजपा ने सूरजभान सिंह के भाई कन्हैया कुमार सिंह को टिकट सौंपी है। इस बार चार मान्यता सहित 15 उम्मीदवार यहां से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। पिछली बार चुनाव मे तीसरे स्थान पर रहे देवनारायण सिंह भी इस बार सपा के टिकट से मैदान में खड़े हैं। उधर, पप्पू यादव की पार्टी ने ललन सिंह को उम्मीदवार बना लिया गया है।

वैशाली सीट
चौथी हे वैशाली सीट। यहां से वृशिण पटेल (हम), राजकिशोर सिंह (जदयू), अमिय भूषण (भाजपा के बागी) जैसे उम्मीदवार खड़े हैं। यहां ये हम के टिकट पर जदयू के वरिष्ठ नेता एवं नीतीश सरकार में वरिष्ठ मंत्री रहे वृशिण पटेल खड़े हैं। बता दें कि नीतीश कुमार से अनबन की वजह से उन्होंने जदयू से नाता तोड़ लिया था और जीतनराम मांझी की पार्टी की सदस्यता ले ली थी। इनके खिलाफ जदयू ने राजकिशोर सिंह को भी अपना उम्मीदवार बना लिया है। उधर, भाजपा के बागी अमित भूषण भी यहां मुकाबले में खड़े हैं।

पटना साहिब
पाचवीं है पटना साहिब सीट। इस सीट से नंदकिशोर यादव (भाजपा), संतोष मेहता (राजद) जैसे उम्मींदवार खड़े हैं। इस क्षेत्र में नए गठजोड़ व जातीय ध्रुवीकरण के बीच एनडीए व महागंठबंधन के बीच लड़ाई है। राजद के टिकट पर पहली बार संतोष मेहता अपने गुरु भाजपा के नंद किशोर यादव को टक्कर देने के लिए तैयार हैं। सीपीआईएमएल के उम्मीदवार अनय कुमार, बसपा के अरशद अयूब भी मैदान में मोर्चे पर हैं। इस सीट पर भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव हर बार बड़ी जीत हासिल करते रहे हैं। लगातार छठी बार जीतने पर एक बार फिर नंदकिशोर यादव को भाजपा ने चुनाव मैदान में उतारा है। इसके साथ ही पटना नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर संतोष मेहता को उम्मीदवार बनाया है।

फुलवारी
छठी सीट है फुलवारी की। इस सीट पर श्याम रजक (जदयू), राजेश्वर मांझी (हम) जैसे उम्मींदवार खड़े हैं। फुलवारी से जदयू के श्याम रजक को हम के राजेश्वर मांझी टक्कर देंगे. इस सीट पर ऐसा भी माना जा रहा है कि जीतनराम मांझी की पार्टी हम के उम्मीदवार जदयू के उम्मीदवार श्याम रजक को भी कड़ी टक्कर देगी। साथ ही इस सीट से सपा के उदय कुमार, लोआद की बबीता देवी व निर्दलीय शंकर कुमार भी चुनाव लड़ रहे हैं। राजेश्वर मांझी पुनपुन प्रखंड के एक पंचायत से सरपंच रहे हैं। उधर, राजद छोड़कर भाजपा में आए उदय मांझी ने भी पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर थर्ड फ्रंट के सपा प्रत्याशी के रुप में लड़ाई छेड़ दी है। इसके बाद यादव और मुसलिम मतदाता भी बड़ी संख्या में है।

शाहपुर
सातवीं सीट है शाहपुर की। इस सीट से विशेश्वर ओझा (भाजपा), राहुल तिवारी (राजद), तेज नारायण यादव (जनअधिकार पार्टी) उम्मींदवार मैदान में हैं। ये विधानसभा सीट भाजपा के पास है, पिछले चुनाव में भाजपा की मुन्नी देवी यहां से ही विजयी हुईं थीं। इस बार उनके पति के बड़े भाई विशेश्वर ओझा को पार्टी ने मैदान में उतारा है। राजद ने यहां पूर्व मंत्री और समाजवादी नेता शिवानंद तिवारी के बेटे राहुल तिवारी उर्फ मंटू तिवारी को टिकट दिया है। राहुल पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं जनअधिकार पार्टी के तेज नारायण यादव को प्रत्याशी बनाया है।

ब्रह्मपुर
आठवीं हैं ब्रह्मपुर सीट। इस सीट से विवेक ठाकुर (भाजपा), शंभुनाथ यादव (राजद), अजीत चौधरी (बसपा) उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं। यहां भाजपा ने सीटिंग एमएलए दिलमणी देवी का टिकट काट कर विवेक ठाकुर को उम्मीदवार बनाया है। टिकट कटने से नाराज दिलमणी देवी ने जदयू का दामन थाम लिया है। वहीं महागंठबंधन में राजद ने पूर्व विधायक अजीत चौधरी की जगह शंभु यादव को उम्मीदवार बनाया है। पेशे से व्यवसायी शंभु यादव की जमीनी तौर पर क्षेत्र में अच्छी पकड़ है। उधर, अजीत चौधरी बसपा के टिकट से उन्हें चुनौती दे रहे हैं।

तरारी
नवीं है तरारी सीट। इस सीट से गीता पांडेय (लोजपा), अखिलेश प्रसाद सिंह (कांग्रेस), सुदामा प्रसाद (माले) उम्मीदवार खड़े हैं। यहां से उम्मीदवार के तौर पर पीछले चुनाव में सुनील पांडेय जीते थे। इस बार वह जेल में हैं, ऐसे में खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। दूसरी ओर महागंठबंधन में यह सीट जदयू ने कांग्रेस को दे दी है। सुनील पांडेय ने इस बार इस सीट से अपनी पोती गीता पांडेय को मैदान में उतारा है। उनको लोजपा ने टिकट दिया है। कांग्रेस ने अखिलेश सिंह को उम्मीदवार बनाया है।

दीघा
दसवीं है दीघा की सीट। यहां से संजीव चौरसिया (भाजपा), राजीव रंजन प्रसाद (जदयू) उम्मीदवार हैं। पटना जिले के दीघा विधानसभा सीट से इस बार जदयू के राजीव रंजन प्रसाद व भाजपा के डा. संजीव चौरसिया के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है। सीपीआईएमएल के रणविजय कुमार और निर्दलीय धनंजय कुमार, मनोरंजन कुमार भी मैदान में हैं। गौरतलब है कि इस बार क्षेत्र से भाजपा व जदयू दोनों ने नये उम्मीदवार उतारे हैं. भाजपा से पूर्व विधान पार्षद गंगा प्रसाद चौरसिया को, जबकि जदयू से प्रदेश के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद को टिकट मिला है। भाजपा को अपने कैडर वोटरों पर पूरा भरोसा हैं।

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