पूरे दिन कर सकते हैं खरीदारी, दान का विशेष महत्व

Meerut। इस वर्ष अक्षय तृतीया 18 अप्रैल बुधवार को प्रात: 5 बजकर 56 मिनट के बाद कृतिका नक्षत्र आयुष्मान योग तथा तैतिलकरण में प्रारंभ होगी, जो दिन-रात रहेगी। इसके बाद 19 अप्रैल को गणेश चतुर्थी प्रारंभ होगी। मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन किए गए किसी भी शुभ काम का क्षय नहीं होता।

हिंदू पंचांग में शुभ

बैसाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। हिंदू पंचांग में भी इस तिथि को सबसे शुभ माना जाता है। इस दिन महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए विशेष पूजा की जाती है। इस दिन विवाह करने वालों का सौभाग्य अखंड रहता है।

सोना खरीदने की परंपरा

अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने की विशेष परंपरा है। माना जाता है कि इस दिन सोना खरीदने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है, लेकिन किसी कारणवश अगर आप सोना नहीं खरीद पाते हैं तो इस दिन दान अवश्य करें। इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व है।

पूजा का शुभ मुहूर्त

सुबह 5:56 बजे

दोपहर 12.20 बजे

खरीरदारी का शुभ मुहूर्त

सुबह 5.56 बजे से आधी रात तक

अक्षय तृतीया पर दान करना विशेष फलदायी होता है। इस दिन किसी गरीब या जरूरतमंद को किया गया दान अत्यंत फलदायी होता है।

अनुराधा गोयल, ज्योतिषाचार्य

अक्षय तृतीया पर शुभ कार्यो की शुरुआत की जाती है। इस दिन वह कार्य भी हो जाते हैं जिनके लिए पूरे वर्ष कोई मुहूर्त नहीं निकलता है।

भारत भूषण, ज्योतिषाचार्य