-एडीजी ऑफिस से चौकी चौराहा तक सिर्फ एक टॉयलेट, जिस पर समय लिखा हुआ है

-जीआईसी ग्राउंड के कॉर्नर पर बना पिंक टॉयलेट हमेशा रहता बंद, इन्द्रा मार्केट में टॉयलेट की भी टाइमिंग

<-एडीजी ऑफिस से चौकी चौराहा तक सिर्फ एक टॉयलेट, जिस पर समय लिखा हुआ है

-जीआईसी ग्राउंड के कॉर्नर पर बना पिंक टॉयलेट हमेशा रहता बंद, इन्द्रा मार्केट में टॉयलेट की भी टाइमिंग

BAREILLYBAREILLY :

पीएम मोदी जहां एक ओर स्वच्छता को लेकर पूरे देश में खुले में शौच न करने के लिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ नगर निगम इसको लेकर उदासीन बना हुआ है। सोचने वाली बात है कि आखिर शहर कैसे स्वच्छ होगा जबकि पब्लिक टॉयलेट का यूज भी समय सारिणी के हिसाब से किया जा रहा है। कहीं पिंक टॉयलट पर आपको ताले लगे मिलेंगे तो कहीं पर समय लिखा मिलेगा। शहर की मेन मार्केट में टॉयलेट पर ताला लगा हुआ और कुछ तो उससे बहुत ज्यादा दूरी पर बने हुए हैं। नगर निगम के दो टॉयलेट ऐसे हैं, जिसमें महिलाओं के जाने के लिए समय निध्रारित है।

एसी टॉयलेट में समय निर्धारित

नगर निगम ने शहर में कुछ एसी टॉयलेट भी बनवाए थे, ताकि पब्लिक उसका यूज कर सके। इसमें महिलाओं के लिए भी अलग से टॉयलेट बनाए गए थे, लेकिन कमिश्नर ऑफिस रोड पर क्ब्8, सिविल लांइस पर महिलाओं के लिए जो टॉयलेट बना है, उसके बाहर टाइम लिखा है- सुबह क्0 बजे से शाम चार बजे तक। इसी तरह नगर निगम का इन्द्रा मार्केट में टॉयलेट बना है, लेकिन वहां पर भी टाइम गेट पर बाहर लिखा हुआ है।

पिंक टॉयलेट परमानेंट लॉक

जीआईसी ग्राउंड के कॉर्नर पर महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट बनाया गया था। टॉयलेट के पास ही पुरुषों के लिए भी अलग टॉयलेट बनाया गया। पुरुष टॉयलेट तो शुरू हो गया, लेकिन महिला टॉयलेट का आज तक लॉक ही नहीं खुला। ऐसे में महिलाएं इस तरफ के मार्केट में आने सबचती है।

नहीं दिखाई देता टॉयलेट

इन्द्रा मार्केट में बने टॉयलेट के आसपास फड़ वालों ने इतना अतिक्रमण कर रखा है कि दूर से टॉयलेट दिखाई नहीं देगा। इसीलिए पब्लिक टॉयलेट जाने के लिए अक्सर भटकती रहती है।

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पब्लिक की सुनिए

खुले में टॉयलेट जाने के लिए मना किया जा रहा है। लोगों को अवेयर किया जा रहा है, लेकिन शहर के कुतुबखाना मार्केट आने वालों के लिए टॉयलेट ढूंढने से नहीं मिलता है।

अखिलेश

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जिम्मेदारों को चाहिए कि टॉयलेट ऐसी जगह बनाए जाएं, जिससे पब्लिक को आसानी से मिल जाएं, लेकिन कुतुबखाना पर जो भी टॉयलेट बने हैं वह तो गूगल पर ही सर्च करने से मिल सकता है, आम पब्लिक उन्हें नहीं तलाश पाएगी।

जतन

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जहां पर भीड़-भाड़ वाला एरिया है, वहां पर कोई टॉयलेट नहीं दिखाई देता। जो भी टॉयलेट बने हैं, वह इतने दूर हैं कि कोई मुश्किल से जाना चाहता है। सबसे ज्यादा दिक्कत तो महिलाओं को होती है।

राकेश

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कुतुबखाना और बड़ा बाजार सबसे भीड़ वाला एरिया है। यहां मेन मार्केट है, लेकिन यहां पर टॉयलेट के लिए कोई ठीक व्यवस्था नहीं है। पब्लिक टॉयलेट जाने के लिए परेशान होती रहती है।

मनीष