निरीक्षण में खुली पोल, मिला एक महीने का अल्टीमेटम

फीरोजाबाद : स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत शौचालय बनाने में ग्राम पंचायत सचिव एवं प्रधान लापरवाही बरत रहे हैं। अधिकारियों की फटकार से बचने के लिए फर्जी रिपोर्ट तक भेज दी, लेकिन जब गांव का निरीक्षण हुआ तो पोल खुल गई। निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग भी पकड़ा गया।

हाथवंत ब्लॉक के तीन लोहिया गांव फरीदा बरौली, साहूमई और बवाइन को खुले में शौच मुक्त बनाने के प्रयास चल रहे हैं। इसके लिए शौचालय निर्माण का लक्ष्य पूरा होने के बाद भी जिन गरीबों के घर शौचालय बनना रह गए थे। उनके लिए भी अतिरिक्त शौचालय का लक्ष्य तय कर धनराशि करीब दो माह पूर्व ग्राम पंचायतों को भेज दी गइ। पंद्रह दिन पूर्व पंचायत सचिवों से निर्माण की स्थिति पूछी गई तो उन्होंने लक्ष्य पूरा होने की रिपोर्ट जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय में भेज दी। इस रिपोर्ट की पोल तब खुली जब स्वच्छ भारत अभियान के जिला परियोजना समन्वयक राजीव नयन गुप्ता ने इन गांवों का निरीक्षण किया। तीनों गांवों में उन्हें आधे शौचालय भी तैयार नहीं मिले। जो बने थे उनमें भी अधिकांश मानक के विपरीत थे। फरीदा बरौली में तो पीली ईंट का प्रयोग होता मिला। वहीं साहूमई में पता चला कि सचिव गांव में आते ही नहीं है। डीपीसी ने बताया कि तीनों गांवों में प्रधानों की लापरवाही सामने आई है। प्रधान एवं सचिवों को चेतावनी दी गई है कि वे एक माह में लक्ष्य पूरा कराएं अन्यथा कार्यवाही की जाएगी।