आर्जन्टिना की राजधानी ब्यूनेस आयरस में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति आईओसी की बैठक में मेज़बान शहर का चुनाव गुप्त मतदान से हुआ.

दूसरे दौर में मुकाबला टोकियो और इस्तांबुल के बीच था जिसे टोकियो ने 60-36 से जीता.

मैड्रिड पहले दौर की वोटिंग में ही बाहर हो गया था.

ये दूसरा मौका है जब टोकियो ओलंपिक खेलों की मेज़बानी करेगा. इससे पहले वहां साल 1964 में खेल आयोजित किए गए थे.

टोकियो पहला एशियाई शहर है जिसे दूसरी बार ओलंपिक खेल आयोजित करने का मौका मिला है. हालांकि इससे पहले टोकियो को साल 1940 में भी खेलों की मेज़बानी मिली थी लेकिन वो खेल दूसरे विश्व युद्ध की वजह से रद्द हो गए थे.

आईओसी के अध्यक्ष ज़ाक रोग के टोकियो का नाम घोषित करते ही जापानी प्रतिनिधि मंडल में ख़ुशी की लहर दौड़ गई. सदस्यों ने घोषणा का स्वागत राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर किया और कुछ सदस्य अपने आंसुओं पर काबू नहीं रख पाए.

टोकियो की दावेदारी पेश करते हुए जापानी प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे ने कहा था कि राजधानी से 150 मील दूर स्थित फ़ुकुशिमा परमाणु संयंत्र से टोकियो में खेलों के आयोजन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. साल 2011 में आए भूकंप और सुनामी से प्रभावित इस संयंत्र से रिसाव हो रहा था जिसके चलते टोकियो की सुरक्षा के बारे में चिंताएं थीं.

आईओसी की आशंकाओं को दूर करते हुए आबे ने कहा, "(इस संयंत्र से) अब तक टोकियो को कोई नुकसान नहीं हुआ है और न ही आगे ऐसा होगा."

"फुकुशिमा परमाणु संयंत्र से अब तक टोकियो को कोई नुकसान नहीं हुआ है और न ही आगे ऐसा होगा."

-शिंज़ो आबे, जापान के प्रधानमंत्री

दावेदारी

इससे पहले ओलंपिक खेलों के आयोजन की दौड़ में शामिल तीनों शहर-इस्तांबुल, मैड्रिड और टोकियो ने अपनी-अपनी दावेदारी पेश की थी.

सबसे पहले तुर्की के शहर इस्तानबुल ने अपनी पेशकश रखी. इसके बाद टोकियो ने अपनी प्रस्तुति रखी और आखिर में मैड्रिड ने.

पिछले 20 साल में ये पांचवी बार था जब इस्तानबुल ओलंपिक खेल की मेज़बानी ने दावेदारी पेश की. इसे तुर्की के प्रधानमंत्री रेजेब तैयप एरदोआन ने पेश किया.

प्रस्तुति में तुर्की की मज़बूत अर्थव्यवस्था, भविष्य के खिलाड़ियों को प्रेरित करने की महत्वकांक्षा और इन खेलों के ज़रिए इस क्षेत्र में शांति लाने की बात कही गई. साथ ही प्रस्तुति में बार-बार इस बात पर ज़ोर दिया गया कि डोपिंग को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

वहीं टोकियो की दावेदारी रखते हुए जापान के प्रधानमंत्री शिंज़ो आबे ने ज़ोर देकर कहा कि खेलों की मेज़बानी के लिए टोकियो एक सुरक्षित शहर है.

साल 2011 में देश के उत्तर पूर्व में आए भूकंप और सुनामी के बाद से फ़ुकुशिमा परमाणु संयंत्र के बारे में कहा गया है कि ये असुरक्षित है. ये संयंत्र टोकियो से 150 मील की दूरी पर है.

साथ ही प्रस्तुति में ये भी बताया गया कि किसी भी ओलंपिक या पैरालिंपक खेल में आज तक कोई जापानी खिलाड़ी ड्रग टेस्ट में फेल नहीं हुआ है.

टोकियो करेगा 2020 ओलंपिक खेलों की मेज़बानी

इस्तांबुल में इस साल गर्मी में राजनीतिक विरोध प्रदर्शन हुए जिनमें से कुछ उन जगहों पर भी हुए जहां ओलंपिक स्टेडियम बनाने की योजना है. इसके अलावा देश के कई खिलाड़ियों का डोपिंग मामले में भी उछला.

मैड्रिड की दावेदारी पर स्पेन की चरमराती अर्थव्यवस्था, बढ़ती बेरोज़गारी और कामगारों की कम होती तनख्वाह का साया है. इसके जवाब में मैड्रिड कम खर्च वाले ओलंपिक खेलों पर फोकस करेगा जिसमें पहले से मौजूद स्टेडियमों का इस्तेमाल और 2012 लंदन ओलंपिक खेलों से लगभग एक चौथाई कम खर्च की बात की गई है.

नया खेल और नए अध्यक्ष

आईओसी के सदस्य रविवार को ये तय करेंगे कि स्क्वॉश, बेसबॉल/सॉफ़्टबॉल (संयुक्त दावेदारी) या कुश्ती में से किस खेल को 2020 ओलंपिक खेलों में शामिल किया जाएगा.

इस वर्ष फ़रवरी में कुश्ती को ओलंपिक खेलों की सूची से हटा दिया गया था लेकिन बाद में इसे फिर से अप्लाई करने की अनुमति दी गई.

साथ ही आईओसी के नए अध्यक्ष का भी चुनाव होगा जो निवर्तमान अध्यक्ष ज़ाक रोग की जगह लेंगे. नए अध्यक्ष के लिए छह उम्मीदवार मैदान में हैं और चुनाव मंगलवार को गुप्त मतदान होगा.

आईओसी के नए अध्यक्ष को कुछ कठिन मुद्दों का सामना करना होगा. इनमें अगले साल रूस के शहर सोची में होने वाले विंटर ओलंपिक खेलों से पहले रूस के नए समलैंगिक विरोधी क़ानून और 2016 में रियो ओलंपिक खेलों के निर्माण कार्य में हो रही देरी जैसे मुद्दे शामिल हैं.

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